advertisement
राजधानी दिल्ली के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक एम्स में 17 अगस्त की शाम भीषण आग लग गई. आग अस्पताल के टीचिंग ब्लॉक में शॉर्ट शर्किट की वजह से लगी थी. करीब पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक एम्स के टीचिंग ब्लॉक के पास फायर डिपार्टमेंट से एनओसी नहीं था. दिल्ली की एक सच्चाई ये है कि यहां निजी तो छोड़िए सैकड़ों की तादाद में सरकारी इमारतें बिन फायर NOC के चल रही हैं.
इंडिया टुडे की जुलाई,2019 की खबर के मुताबिक, दिल्ली के करीब 1,981 स्कूल फायर डिपार्टमेंट से बिना एनओसी के चल रहे हैं. खबर के मुताबिक, दिल्ली एनसीआर में करीब 5,773 स्कूल हैं, जिसमें से 34 फीसदी के पास सालों से कोई एनओसी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने साल 2009 में सभी स्कूलों के लिए फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया था, लेकिन इसपर अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया.
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इन स्कूलों में दिल्ली के सरकारी स्कूल, नगर निगम के स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, नवयुग स्कूल और प्राइवेट स्कूल शामिल हैं.
इसी साल फरवरी में करोल बाग के अर्पित होटल में भीषण आग लग गई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत और करीब 35 घायल हो गए थे. इस हादसे पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नॉर्थ एमसीडी को बिल्डिंग का प्लान दिल्ली फायर सर्विस (DFS) के साथ शेयर करने के लिए कहा था. वहीं दिल्ली सरकार ने भी रेस्ट्रो बार और नाइट क्लब को सितंबर तक फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जमा करने के लिए कहा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सितंबर 2017 में हॉज खास को 'टिकिंग टाइम बॉम्ब' बताया था, और कहा था कि सरकार और रेस्टोरेंट मालिक सुरक्षा के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. हॉज खास में 2016 में एक बिल्डिंग में आग लगने से एक बिजनेसमैन की मौत हो गई थी. द एशियन एज की पिछले साल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 5,000 से ज्यादा खाने की जगह हैं, जिसमें से केवल 560 के पास एनओसी है.
दिल्ली के कई रेस्टोरेंट और बार फायर डिपार्टमेंट के एनओसी से बचने के लिए अपना सिटिंग अरेंजमेंट 50 लोगों से कम का दिखाते हैं, लेकिन इन रेस्टोरेंट में वीकेंड्स पर 100 से ज्यादा लोग होते हैं. इस कारण, दिल्ली में हजारों संस्थानों की जांच नहीं हो पाती है. कनॉट प्लेस, हॉज खास और खान मार्केट जैसी जगह रेस्टोरेंट और बार के लिए फेमस हैं. इनमें अधिकतर जगहों पर एंट्री और एग्जिट का एक ही रास्ता होता है, जो कि बड़ा खतरा है.
दिल्ली में बिना एनओसी चल रही बिल्डिंग में सिर्फ रेस्टोरेंट या स्कूल ही नहीं, बल्कि सरकारी इमारतें भी शामिल हैं. मेल टुडे की जुलाई की रिपोर्ट के मुताबिक, शास्त्री भवन, इंद्रप्रस्थ भवन, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम समेत कई सरकारी बिल्डिंग बिना एनओसी के ऑपरेट हो रही हैं.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)