अयोध्या केस में पुनर्विचार याचिका दायर करेगा AIMPLB  

ओवैसी समेत दूसरे नेता मीटिंग के लिए लखनऊ पहुंच चुके हैं

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
अयोध्या केस में पुनर्विचार याचिका पर AIMPLB की प्रेस कॉन्फ्रेंस
i
अयोध्या केस में पुनर्विचार याचिका पर AIMPLB की प्रेस कॉन्फ्रेंस
(फोटो: PTI)

advertisement

लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग खत्म हो चुकी है. इसमें अयोध्या मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आगे की कार्रवाई के लिए मंथन किया गया है. मीटिंग में हुए फैसलों को सार्वजनिक करने के लिए बोर्ड प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है.

मीटिंग के लिए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी समेत दूसरे मुस्लिम नेता मीटिंग के लिए पहुंचे थे. पहले यह मीटिंग लखनऊ के नदवा क्षेत्र में होनी थी. लेकिन ऐन मौके पर इसे बदल दिया गया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें

AIMPLB ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा-

  • अयोध्या केस: पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा मुस्लिम पक्ष
  • कोई दूसरी जगह मस्जिद मंजूर नहीं
  • सुप्रीम कोर्ट ने माना नमाज पढ़ी जाती थी
  • गुंबद के नीचे जन्मस्थान का प्रमाण नहीं
  • जन्मस्थान को न्यायिक व्यक्ति नहीं माना जा सकता
  • सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई है्

शनिवार को AIMPLB से मिले थे मुस्लिम पक्षकार

इससे पहले शनिवार को नदवा में ही मुस्लिम पक्षकारों ने AIMPLB महासचिव मौलाना वली रहमानी से बातचीत की थी. बातचीत के बाद उन्होंने रिव्यू पेटिशन लगाने की बात कही थी. AIMPLB के सचिव और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी से जुड़े रहे जफरयाब जिलानी भी पहले दोहरा चुके हैं कि वे फैसले के खिलाफ रिव्यू पेटिशन दाखिल करेंगे. 

बता दें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बहुत सारे सदस्यों का मानना है कि अब आगे रिव्यू पेटिशन नहीं लगाई जाए. उनका कहना है कि अब मामले का निपटारा हो चुका है. लेकिन इस पक्ष के लोगों का कहना है कि रिव्यू पेटिशन भी एक न्यायिक प्रक्रिया है, इसलिए इसपर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर सुनवाई करते हुए फैसला रामलला विराजमान के पक्ष में सुनाया था. वहीं निर्मोही अखाड़े और सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया था.

बहुत सारे मुस्लिम नेताओं का कहना है कि यह 5 एकड़ जमीन नहीं लेनी चाहिए. मीटिंग में इस 5 एकड़ जमीन के लेने या न लेने पर भी विचार किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के लिए एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश भी दिया है. इसमें निर्मोही अखाड़े को भी प्रतनिधित्व देने को कहा गया है.

पढ़ें ये भी: BHU छात्रों से मुस्लिम संस्कृत प्रोफेसर की अपील- मुझे समझ तो लो

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 17 Nov 2019,11:06 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT