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लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना को बड़ी राहत मिली है. वायुसेना ने लड़ाकू विमान मिग-29 को अपग्रेड किया है, जिससे उसकी मारक क्षमता में काफी बढ़ोतरी हुई है.
जालंधर के आदमपुर वायुसेना स्टेशन पर तैनात फ्लाइट लेफ्टिनेंट करन कोहली का कहना है कि रूसी मूल का यह लड़ाकू विमान अब हवा में ऑयल भरने में सक्षम है, वह अत्याधुनिक मिसाइलों से युक्त है और कई दिशाओं में हमले कर सकता है.
अपने पुराने एडिशन में भी इस लड़ाकू विमान ने कुछ कम कमाल नहीं किए हैं. इसी विमान ने 1999 के करगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारतीय वायुसेना का दबदबा कायम किया था. अपग्रेड के बाद मिग-29 ने पिछले सप्ताह आदमपुर वायुसेना स्टेशन पर अपनी मारक क्षमताओं का प्रदर्शन किया. देश में सोमवार को वायुसेना दिवस मनाया जाना है.
चीन और पाकिस्तान से एकसाथ युद्ध छिड़ने जैसे हालात के बारे में सवाल पर पहचान गुप्त रखने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा:
लेफ्टिनेंट करन कोहली ने बताया कि अपग्रेड मिग-29 में मल्टी फंक्शनल डिस्प्ले (एमएफडी) स्क्रीन भी लगी हुई है.
बता दें, भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने 12 सितंबर को कहा था कि वायुसेना के पास लड़ाकू विमानों की कमी है. धनोआ ने कहा था कि वायुसेना के पास फिलहाल 31 लड़ाकू विमानों का बेड़ा है, जबकि 42 विमानों की अनुमति है.
उन्होंने कहा था, ‘‘अगर हमारे पास 42 विमानों का बेड़ा हो, तब भी हमारे दोनों क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों के कुल विमानों के मुकाबले ये संख्या कम होगी.''
पाकिस्तान से करीब 100 किलोमीटर और चीन से करीब 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सामरिक रूप से महत्वपूर्ण आमदपुर वायुसेना स्टेशन पर अब मिग-29 तैनात हैं. भारतीय वायुसेना के पास लड़ाकू विमान मिग-29 के तीन बेड़े हैं, जिनमें से दो आदमपुर वायुसेना स्टेशन पर तैनात हैं. एक बेड़े में 16-18 विमान होते हैं.
लेफ्टिनेंट करन कोहली ने कहा कि वायुसेना के पास अब ऐसा लड़ाकू विमान है, जो काफी लचीला है और किसी भी स्थिति में उड़ान भर सकता है. ऐसे में वायुसेना के पायलट आसानी से अपनी स्थिति बदलकर दुश्मनों पर हमला कर सकते हैं. अपग्रेड किए जाने के बाद मिग-29 वर्टिकल पोजिशन में और महज पांच मिनट के भीतर उड़ान भरकर दुश्मन के विमानों को मार गिराने में सक्षम हो गया है.
(इनपुट: भाषा)
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