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एयर इंडिया हादसे की वजहों पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

शुक्रवार शाम कोझिकोड में उतरते समय रनवे से फिसल गया और नीचे गहरी घाटी में जा गिरा

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भारत
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एयर इंडिया हादसे की वजहों पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
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एयर इंडिया हादसे की वजहों पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
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एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है. दो विमानन विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि फिसलन भरा रनवे, तेज हवा, खराब मौसम की स्थिति और नियमित स्थान से आगे विमान का उतरना, ये सब मिलाकर एक घातक संयोजन हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कोझिकोड में एयर इंडिया एक्सप्रेस की स्किडिंग हुई होगी. दुबई से उड़ान भरने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान शुक्रवार शाम कोझिकोड में उतरते समय रनवे से फिसल गया और नीचे गहरी घाटी में जा गिरा. इस दुर्घटना में दो पायलटों सहित करीब 18 लोग मारे गए.

190 यात्री सवार थे,7.41 बजे हुई लैंडिंग

विमानन विशेषज्ञ ने कहा कि विमान के लैंडिंग गियर की विफलता और इसके परिणामस्वरूप पायलट द्वारा संभावित बेली-लैंडिंग जैसे परिदृश्य में पायलट के पास किसी अन्य करीबी हवाई अड्डे के लिए जाने का विकल्प था. उन्होंने कहा कि भले ही उन्होंने टेबल-टॉप कोझिकोड हवाई अड्डे पर बेली-लैंड करने का फैसला किया हो, फिर भी रनवे की लंबाई पर्याप्त है. विमान हादसे के मृतकों में दो पायलट भी शामिल हैं.

विमान में छह क्रू टीम के सदस्यों सहित 190 यात्री सवार थे. विमान के शुक्रवार शाम 7.41 बजे लैंडिंग के दौरान भारी बारिश हो रही थी. एक पायलट ने अपना नाम न बताते हुए आईएएनएस को बताया, यह टायर और रनवे के बीच घर्षण की कमी के कारण हो सकता है. बारिश के कारण जलभराव भी प्रमुख कारण (हाइड्रोप्लेनिंग) हो सकता है.

हाइड्रोप्लेनिंग क्या है?

पायलट ने कहा कि हाइड्रोप्लेनिंग एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पानी की उपस्थिति के कारण सतह से पहिए का संपर्क टूट जाता है और पहिया पिसलने लगता है. इससे ब्रेक लगाना असंभव हो जाता है और विमान की गति लैंडिंग के बाद कम नहीं हो सकती है. पूर्व भारतीय वायु सेना (आईएएफ) नेविगेटर ने आईएएनएस को बताया कि मानक 9,000 फीट का कोझिकोड रनवे इस तरह के विमान के लिए कोई समस्या उत्पन्न नहीं कर सकता है.

पूर्व नेविगेटर ने कहा, संभवत:, विमान थ्रेशोल्ड या सामान्य स्थान से आगे उतरा, खराब ²श्यता, मजबूत अनुकूल हवा और फिसलन भरे रनवे के कारण यह दुर्घटना हुई.

उन्होंने कहा कि एक फिसलन भरी हवाई पट्टी, मजबूत टेलविंड, खराब मौसम की स्थिति और थ्रेशोल्ड स्पॉट से आगे उतरने का एक घातक संयोजन हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कोझीकोड में यह हादसा हुआ. विशेषज्ञ ने कहा कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और ब्लैक बॉक्स से फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से वास्तविक जानकारी मिलेगी.

विशेषज्ञ ने इसे एक दुर्भाग्य के साथ ही पायलट की ओर से निर्णय में हुई त्रुटि करार दिया, जिसके कारण यह त्रासदी हुई.

(इनपुट: IANS)

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