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पिछले कई महीनों से चल रही तनातनी के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चीन पहुंच गए हैं. डोभाल बीजिंग में होने जा रहे ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन गए हैं. उनकी यात्रा से सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम इलाके में एक महीने से चल रहे गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच समाधान निकलने की संभावना बढ़ गई है.
भारतीय सेना ने भारत-भूटान-चीन सीमा पर चीनी सेना को सड़क बनाने से रोक दिया था, जिसके बाद एक महीने से ज्यादा समय से चीन और भारत की सेना आमने-सामने हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा है कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि डोकलाम मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाएगा.
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डोभाल की यात्रा के मद्देनजर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने बुधवार को कहा था- भारत जब तक डोकलाम इलाके से सेना को 'बिना शर्त वापस नहीं बुलाता तब तक उसके साथ कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती. लू ने यह भी कहा था कि विदेश मंत्री वांग यी ने इस मुद्दे पर आधिकारिक रुप से चीन का रुख स्पष्ट कर दिया है.
इससे पहले चीन के समाचार-पत्र ने अजीत डोभाल को दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद का एक मुख्य षड्यंत्रकारी करार देते हुए कहा था कि डोभाल की बीजिंग यात्रा से इस विवाद का हल संभव नहीं है.
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