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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के प्रवक्ता और उदासी अखाड़ा के महंत मोहन दास हरिद्वार से मुंबई की रेल यात्रा के दौरान रास्ते में लापता हो गए हैं. उनके मोबाइल की आखिरी लोकेशन रविवार शाम को मेरठ में मिली है, मगर उनका कोई पता नहीं चल पाया है. महंत मोहन दास उन संतों में शामिल हैं जिन्होंने 14 फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की थी. अखाड़ा ने उनके अपहरण की आशंका जताते हुए केस दर्ज कराया है.
एसपी, जीआरपी अनीता मालवीय ने बताया कि महंत मोहन दास हरिद्वार-लोकमान्य तिलक टर्मिनल ट्रेन के ए-वन कोच में यात्रा कर रहे थे. वो निजामुद्दीन स्टेशन पर उतरे थे, जिसके बाद उन्हें किसी भी यात्री या अटेंडेंट ने नहीं देखा.
रेलवे पुलिस के मुताबिक, गाड़ी नौ घंटे की देरी से चल रही थी और शनिवार रात साढ़े सात बजे भोपाल पहुंची. उनका एक सेवादार भोजन देने गाड़ी पर आया तो महंत नहीं मिले। उसने इस बात की बाकी लोगों को दी.
मालवीय ने बताया कि महंत के मोबाइल फोन की आखिरी लोकेशन रविवार देर शाम मेरठ में मिली है, मगर उनका कोई पता नहीं चला है.
इंदौर के डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने के मुताबिक ऐसी अफवाह थी कि महंत मोहनदास इंदौर में हैं. इस आधार पर पुलिस ने उनके आश्रम समेत दूसरी जगहों पर पता किया, मगर उनका कोई सुराग नहीं लगा.
आपको याद दिला दें, कुछ दिन पहले ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् ने 14 फर्जी बाबाओं की एक लिस्ट जारी की थी जिसमें राम रहीम, राधे मां, निर्मल बाबा, आसाराम बापू जैसे नाम शामिल थे. अखाड़ा परिषद् के कई संतों ने फर्जी बाबाओं की सूची जारी होने के बाद धमकियां मिलने की बात कही थी. परिषद् के पदाधिकारियों ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है.
(इनपुट IANS से)
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