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कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में आयोजित फ्लाई पास्ट कार्यक्रम को जहां एक ओर सराहा जा रहा है. वहीं, कुछ पूर्व सैनिक समेत विपक्ष के नेता इस आयोजन पर सवाल खड़े कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि लोगों को इंतजाम देने के बजाए हवाई जहाज से फूलों की बारिश की जा रही है. वहीं, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्य में इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी है.
हिदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वायुसेन के सूत्रों ने कहा है कि वह फ्लाई पास्ट कार्यक्रम में कोलकाता के दो अस्पतालों पर फूलों की बरसा करने चाहते थे, लेकिन राज्य सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी.
अखिलेश यादव ने भी इस कार्यक्रम पर सवाल खड़ा करते हुए कहा,
अखिलेश यादव ने पीएम-केयर फंड को लेकर भी सवाल उठाते हुए कहा, अगर समाज के सबसे गरीब तबके से भी घर भेजने के लिए सरकार को पैसे लेने थे तो पीएम-केयर फंड में जो खरबों रुपया तमाम दबाव और भावनात्मक अपील करके डलवाया गया है उसका क्या होगा?
उन्होंने अरोग्य सेतु ऐप को लेकर कहा, 'अब तो आरोग्य सेतु ऐप से भी इस फंड में 100 रुपये वसूलने की खबर है.'
फ्लाई पास्ट आयोजन को कुछ पूर्व सैनिकों ने 'संसाधन की बर्बादी' करार दिया है. कुछ का कहना है कि ये आर्म्ड फोर्सेज का गैर-जरूरी प्रदर्शन है. संसाधनों का इस्तेमाल अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए लोगों को निकालने में किया जा सकता है.
रिटायर्ड जनरल बीरेंदर धनोआ ने ट्वीट कर कहा- ‘ये वो मिलिट्री नहीं है जिसमें मैंने अपनी सेवाएं दी हैं’
3 मई को कोरोना से लड़ने में जुटे डॉक्टरों, हेल्थ वर्करों, सपोर्ट स्टाफ के सम्मान में आर्म्ड फोर्सेज का इस्तेमाल ऑफिशियल चीयर लीडर के तौर पर किया जा रहा है. ये वो मिलिट्री नहीं है, जिसमें मैंने काम किया. बस दुखी और निराश महसूस कर रहा हूं ऐसा देख.
वहीं रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल रोहित अग्रवाल ने एक सुझाव दिया है, उनका कहना है कि आर्म्ड फोर्सेज का इस्तेमाल प्रवासियों के आवाजाही के संसाधन जुटाने और उन्हें अपने-अपने राज्यों में वापस भेजने के लिए किया जा सकता है.
बता दें कि 3 मई को तीनों सेना कोरोना योद्धाओं के सम्मान में वायुसेना का फ्लाई पास्ट श्रीनगर से त्रिवेंद्रम और डिब्रूगढ़ से कच्छ के बीच उड़ान किया गया. इस फ्लाई पास्ट में ट्रांसपोर्ट और फाइटर एयरक्राफ्ट शामिल हुए.
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