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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक बच्ची को अगवा कर बर्बर तरीके से उसकी हत्या किए जाने के बाद तनाव बरकरार है. इलाके में बड़ी तादाद में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. इसके बावजूद इलाके में लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को भी सुरक्षाबलों ने फ्लैग मार्च किया है.
अलीगढ़ में निर्मम हत्याकांड के बाद चारों तरफ से यूपी सरकार और पुलिस प्रशासन पर दबाव पड़ा, जिसके बाद इस मामले में कार्रवाई तेज हुई. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों पर POCSO एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया. केस की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है.
इस जघन्य हत्याकांड में सबसे पहले पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों, जाहिद और असलम को गिरफ्तार कर लिया था. अलीगढ़ पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में जाहिद और असलम अपना जुर्म कबूल कर चुके हैं. अगर इनकी बात पर यकीन करें, तो दोनों ने सिर्फ 12 हजार रुपये के लिए इस घटना को अंजाम दिया था.
इस केस में पुलिस ने जाहिद के भाई मेहदी को भी गिरफ्तार किया. मेहदी पर हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है. हत्या के बाद से ही मेहदी फरार था, लेकिन शनिवार को अलीगढ़ ग्रामीण एसपी मणिलाल पाटीदार के नेतृत्व में 6 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने मेहदी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस आरोपी जाहिद की पत्नी को भी गिरफ्तार कर चुकी है.
इसके अलावा 5 पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया गया है. पुलिस का कहना है कि इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की कोशिश चल रही है.
बता दें कि अलीगढ़ के टप्पल इलाके के बूढ़ा गांव की एक बच्ची 30 मई को गायब हो गई थी. इसके बाद बच्ची के परिजनों ने पुलिस में जाकर इसकी शिकायत की. करीब 5 दिन एकदम खराब हालत में बच्ची का शव बरामद हुआ.
जिस तरह शव बरामद किया गया, वह घटनाक्रम भी कलेजा कंपा देने वाला है. कुछ लोगों ने देखा कि एक कूड़े के ढेर पर कुछ कुत्ते जमा हैं और किसी चीज को नोच रहे हैं. जब लोगों ने पास जाकर देखा तो सभी दंग रह गए. वहां बच्ची का शव पड़ा था. बच्ची की हत्या कर उसे कूड़े के ढेर पर फेंक दिया गया था.
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