advertisement
‘’न वहां कोई हमारी सीमा में घुस आया है और न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे (चीन) के कब्जे में है'’. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से तनाव पर हुई सर्वदलीय बैठक में ये बात कही है.
चीन के साथ लगातार जारी तनाव के बीच पीएम मोदी ने सभी दलों की बैठक बुलाई. इस बैठक में कई पार्टियों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया. जिसमें एनसीपी प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने भी अपनी राय रखी.
सिक्किम के मुख्यमंत्री और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग ने इस सर्वदलीय बैठक में कहा कि, “हम सभी पीएम मोदी पर भरोसा करते हैं. इससे पहले भी जब देश की सुरक्षा को लेकर बात आई तो पीएम ने काफी बड़े फैसले लिए.”
इस बैठक में शामिल हुईं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि ये बैठक पहले ही बुलाई जानी चाहिए थी. जिस दिन चीन ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की तब ही ऐसी बैठक होती तो अच्छा होता. उन्होंने कहा,
सोनिया गांधी ने सरकार से पूछा कि चीन के सैनिकों ने कौन सी तारीख में भारतीय जमीन पर कदम रखा? उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात का कब पता चला ये भी जानना जरूरी है. साथ ही सोनिया ने सवाल उठाए कि क्या सरकार के पास पहले से ही सैटेलाइट इमेज नहीं थी? क्या इससे पहले ऐसी बड़ी हरकत के लिए कोई भी खुफिया जानकारी सरकार को नहीं मिली?
सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि भारत की किसी भी पोस्ट पर चीन ने कब्जा नहीं किया है. हमारे 20 जवान शहीद हुए लेकिन वो हमें एक सबक दे गए. पीएम ने कहा कि हमारे जवानों को देश की रक्षा के लिए जो भी करना पड़े वो करेंगे. कोई हमारी एक इंच भी जमीन नहीं ले सकता है. पीएम ने कहा,
सर्वदलीय बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने सरकार का साथ देने की बात कही. उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक देश के लिए एक अच्छा मैसेज है. इससे ये दिखता है कि हम अपने जवानों के पीछे एकजुट होकर खड़े हैं. ममता ने कहा कि अब चीन को टेलीकॉम, रेलवे और एविएशन सेक्टर में नहीं घुसने दिया जाना चाहिए. हमें इससे कुछ परेशानी जरूर होगी, लेकिन ऐसा करना होगा.ममता ने कहा,
बैठक में बिहार के सीएम और जेडीयू चीफ नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे देशभर में चीन के खिलाफ गु्स्सा है. इस वक्त कोई भी मतभेद नहीं होने चाहिए. हम सब एक साथ हैं. चीन का भारत के प्रति रवैया हम जानते हैं. भारत ने हमेशा चीन को सम्मान देना चाहा, लेकिन चीन ने 1962 में क्या किया ये सब जानते हैं.
नीतीश ने कहा कि चीन से आने वाला सामान भारतीय बाजारों में काफी ज्यादा है, जो एक बड़ी समस्या है. वहां से आने वाले सामान में ज्यादातर चीजें प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक होती हैं. जो किसी भी तरह ईको-फ्रेंडली नहीं हैं. चीन का सामान ज्यादा दिनों तक टिकता भी नहीं है. इसीलिए हमारा कर्तव्य है कि हम सरकार के साथ खड़े रहें.
तेलंगाना के सीएम और टीआरएस चीफ के चंद्रशेखर राव ने बैठक में कहा कि कश्मीर को लेकर पीएम मोदी की साफ नीति से चीन को गुस्सा आया है. उन्होंने कहा कि पीएम का आत्मनिर्भर भारत पर जोर देना चीन को नुकसान पहुंचाएगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)