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गोरखपुर बच्चों की मौत मामला: हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से ये बताने के लिए भी कहा है कि इंसेफेलाइटिस से लड़ने के लिए सरकर क्या कदम उठा रही है?

द क्विंट
भारत
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गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल की तस्वीर
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गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल की तस्वीर
(फोटो: क्विंट)

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले पर जवाब मांगा है. इस मामले में दाखिल एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि आखिर बच्चों की मौत कैसे हुई. इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से ये बताने के लिए भी कहा है कि इंसेफेलाइटिस से लड़ने के लिए सरकर क्या कदम उठा रही है?

बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस हादसे की न्यायिक जांच की मांग करते हुए एक याचिका दायर की गई थी. इसमें हादसे की जांच के अलावा सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर बैन लगाने की मांग की गई है.

एक साथ कई बच्चों की हुई थी मौत

बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल में 10 अगस्त से 12 अगस्त के बीच 48 घंटे के भीतर 36 बच्चों की मौत हो गई थी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को एक नोटिस जारी कर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

DM ने गैस कंपनी, प्रिंसिपल और डॉक्टर को दोषी बताया

इस बीच, बुधवार को डीएम ने अपनी रिपोर्ट में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही बीआरडी के प्रिंसिपल आर के मिश्रा और एनिस्थिसिया डिपार्टमेंट के डॉ. सतीश का रवैया भी लापरवाही भरा बताया गया है.

गोरखपुर में हादसे के बाद ही हॉस्पिटल प्रबंधन, सरकार और डीएम के बयान विरोधाभासी रहे हैं. शुरुआत में सरकार ऑक्सीजन की कमी के कारण को खारिज कर रही थी. वहीं डीएम मौतों के लिए ऑक्सीजन की कमी को जिम्मेदार बता रहे हैं.

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