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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुक्रवार को हिंदुस्तान लीडरशिप समिट में बेबाक अंदाज में दिखे. इस दौरान उन्होंने हर सवाल का बेबाकी के साथ जवाब दिया. यूपी चुनाव में उन्होंने गठबंधन की वकालत की और अकेले चुनाव जीतने का दावा भी किया. इस दौरान उन्होंने ‘अंकल’ अमर सिंह पर जमकर निशाना साधा. और केंद्र सरकार की नोटबंदी स्कीम पर भी जमकर चुटकी ली.
यूपी चुनाव में नोटबंदी के प्रभाव पर अखिलेश ने कहा- जब पैसा नहीं होगा, तो सबको साइकिल पर चलना पड़ेगा. सोचो, प्रचार के लिए कांग्रेस पार्टी साइकिल चलाए, बीजेपी साइकिल चलाए और बहुजन समाज पार्टी साइकिल चलाए तो प्रचार तो हमारा (समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल) होगा. इससे अच्छा और क्या हो सकता है.
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के 'अमर सिंह नहीं होते तो वह जेल में होते' वाले बयान के बारे में अखिलेश ने कहा कि यह बयान मीडिया के लिए नहीं था.
यह सवाल किए जाने पर कि क्या अमर सिंह का सीएम बनने का सपना है, अखिलेश यादव ने कहा कि यह उनका बहुत बड़ा सपना है. वैसे चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा, यह विधायक दल मिलकर तय करेगा.
पार्टी महासचिव अमर सिंह को पार्टी में रहना चाहिए या नहीं, इस बारे में सवाल किए जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि ‘अंकल’ का व्यवहार, उनकी भाषा और तजुर्बा ऐसा होना चाहिए कि प्रदेश में दोबारा सपा सरकार बने. यह पूछने पर कि क्या वह अमर सिंह को पार्टी में चाहते हैं या नहीं, उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा वह यह फैसला नहीं कर सकते कि पार्टी में कौन रहेगा और कौन नहीं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह प्रदेश अध्यक्ष होते तो प्रस्ताव जरूर भेजते.
सीएम अखिलेश यादव ने दावा किया है कि सपा चुनाव जीतकर बहुमत के साथ दोबारा सरकार बनाने जा रही है. गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन होता है, तो तीन सौ से ज्यादा सीटें जीतेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि, किसी न किसी को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी सीट कम होगी. गठबंधन में समझौता करके ही आगे बढ़ा जा सकता है. मगर यह सब पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और कांग्रेस को तय करना है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि वह हर मुद्दे पर लड़ जाते हैं. वह दिल्ली में अच्छा काम कर रहे हैं. राजधानी में ऐसा आदमी जरूरी है, जो गलत चीजों को रोकता रहे.
नेताजी और बीजेपी के बीच परदे के पीछे रिश्ते होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह झूठी अफवाह है जो विपक्षी दल फैलाते हैं. अखिलेश ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बीजेपी से समाजवादी पार्टी का कभी कोई रिश्ता नहीं हो सकता.
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