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लाइसेंस और बैंक खाते के लिए अलग-अलग दस्तावेज रखने से मुक्ति मिल सकती है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को एक कॉमन कार्ड का विचार पेश किया, जिसमें आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और बैंक खाते जैसी सभी सुविधाएं जुड़ी होंगी.
अमित शाह ने राजधानी दिल्ली में महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त कार्यालय के एक नये भवन की आधारशिला रखने के बाद कहा-
गृह मंत्री ने कहा कि इस तरह का सिस्टम भी होना चाहिए, जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु होते ही यह जानकारी जनसंख्या आंकड़े में अपडेट हो जाए. उन्होंने कहा, ‘आधार, पासपोर्ट, बैंक अकाउंट, ड्राइविंग लाइसेंस, और वोटर कार्ड जैसी सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड हो सकता है. इसकी संभावनाएं हैं.’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि आज के दौर में डिजिटल जनगणना बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि 2021 की जनगणना में पहली बार एक मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा.
शाह ने कहा कि देश कागज-कलम वाली जनगणना से डिजिटल डेटा के युग में प्रवेश करेगा, जो देश में जनगणना कार्य के लिए एक क्रांतिकारी कदम होगा.
जनगणना 2021 के लिए आंकड़ें दर्ज करना प्रारंभ करने की तिथि जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फबारी वाले इलाकों में एक अक्टूबर 2020 है, जबकि शेष भारत के लिए यह एक मार्च 2021 है.
जनगणना 12,000 करोड़ रुपये की लागत से 16 भाषाओं में की जाएगी. गृह मंत्री ने यह भी कहा कि जनगणना कार्य के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) के लिए भी आंकड़ें जुटाये जाएंगे.
शाह ने कहा कि जनगणना 2021 के आंकड़े देश की भविष्य की योजना बनाने, विकास से जुड़े कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार बनेंगे. उन्होंने कहा कि इस काम के सफल होने के लिए लोगों की दिल से भागीदारी अहम है.
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि जनगणना नगर निकायों के वार्डों, विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन करने में मदद करेगी.
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