advertisement
महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट चल रहा है. पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं. विपक्षी पार्टी बीजेपी राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है. ऐसे में खबर आई है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. 28 मार्च को जब शाह से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'हर बात सार्वजानिक करना जरूरी नहीं है.'
हालांकि, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ऐसी किसी भी मुलाकात से इनकार किया है. मलिक ने कहा कि पिछले दो दिनों से ट्विटर पर अफवाहें फैलाई जा रही हैं.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख अंबानी बम धमकी मामले में कई तरह के आरोपों को झेल रहे हैं. विपक्ष भी लगातार इस मामले में उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है. लेकिन जब परमबीर सिंह ने देशमुख पर आरोप लगाए थे, तो खुद शरद पवार ने सामने आकर इन आरोपों के जवाब दिए थे. देशमुख एनसीपी के नेता हैं और पार्टी के कोटे से गृहमंत्री बने थे.
सिर्फ विपक्ष ही नहीं, शिवसेना की तरफ से भी देशमुख पर निशाना साधा जा रहा है, ऐसे में शाह और पवार की मुलाकात को लेकर चर्चा काफी गरम है.
गुजरात के स्थानीय न्यूज आउटलेट्स के मुताबिक, शरद पवार ने अमित शाह से 27 मार्च को अहमदाबाद में मुलाकात की थी. रिपोर्ट्स का कहना है कि पवार के साथ एनसीपी नेता प्रफुल पटेल भी मौजूद थे. मुलाकात अहमदाबाद के एक फार्म हाउस में हुई थी.
पवार और शाह की मुलाकात की खबर ऐसे समय में सामने आई है, जब मुकेश अंबानी धमकी केस और मनसुख हिरेन मौत के मामले की जांच NIA कर रही है. अंबानी धमकी केस से जुड़े सब-इंस्पेक्टर सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद से ही मुंबई पुलिस पर कई सवाल उठे थे, जिसके बाद परमबीर सिंह का तबादला कर दिया गया था.
पद से हटने के बाद सिंह ने एक लेटर लिखकर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर हर महीने 100 करोड़ की उगाही का आरोप लगाया था. इस लेकर के सामने आने के बाद से महाराष्ट्र सरकार पर चौतरफा हमला हो रहा है. अब सरकार में एनसीपी की सहयोगी शिवसेना के बड़े नेता संजय राउत ने भी देशमुख पर सवाल उठा दिए हैं.
संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखा है कि अनिल देशमुख को गृह मंत्री का पद 'संयोगवश' मिल गया था. राउत ने कहा कि जयंत पाटिल, दिलीप वलसे-पाटिल ने पद स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. तब शरद पवार ने ये पद देशमुख को सौंपा था.
राउत के लेख पर एनसीपी के कई नेताओं ने जवाब दिया है. डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि जब तीन-पार्टियों की सरकार अच्छे से काम कर रही है, तो किसी को भी 'कबाब में हड्डी' नहीं बनना चाहिए.
पवार ने कहा, "कैबिनेट पद का आवंटन गठबंधन में मौजूद पार्टियों के प्रमुख का अधिकार है. पद के आवंटन समेत सभी फैसले एनसीपी प्रमुख होने के नाते शरद पवार ही लेते हैं."
अनिल देशमुख पर आरोप लगने के बाद से शरद पवार उनका बचाव करते नजर आए हैं. पवार ने परमबीर सिंह के लेटर पर भी सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि 'अगर परमबीर सिंह को बीच फरवरी में ही पता था कि कुछ गलत हो रहा है तो उन्होंने मार्च तक का इंतजार क्यों किया?'
ऐसी खबरें भी आई थीं कि पवार ने देशमुख के भविष्य को लेकर एनसीपी नेताओं के साथ बैठक की थी. हालांकि, पवार और एनसीपी नेता कहते रहे हैं कि देशमुख के इस्तीफा का सवाल ही नहीं उठता और आरोपों के संबंध में जांच पर फैसला सीएम उद्धव ठाकरे लेंगे.
हालांकि, अभी के लिए स्थिति सामान्य लगती है लेकिन शरद पवार और अमित शाह की बैठक के बाद कयास लगने शुरू हो गए हैं कि क्या इसमें महाराष्ट्र के राजनितिक भूचाल पर कोई फैसला लिया गया.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)