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कांग्रेस द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर जारी चर्चा के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार (9 अगस्त) को संसद में जवाब दिया. अमित शाह ने अविश्वास प्रस्ताव, केंद्र सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड, एमएसपी,जम्मू-कश्मीर, वामपंथ उग्रवाद, मणिपुर हिंसा, महाराष्ट्र पॉलिटिक्स और INDIA गठबंधन जैसे तमाम मसलों पर लोकसभा में बयान दिया. आइये आपको बताते हैं कि अमित शाह ने क्या कहा?
देश में पीएम और इस सरकार पर कोई अविश्वास नहीं है. यह अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ भ्रम पैदा करने के लिए लाया गया है.
यह आरोप लगाते हुए कि अविश्वास प्रस्ताव "लोगों को गुमराह करने" के लिए लाया गया है, अमित शाह ने कहा, "30 वर्षों तक देश वंशवादी राजनीति, भ्रष्टाचार और जातिवाद से पीड़ित था और पीएम मोदी ने इन सभी को खत्म किया और देश में विकास की राजनीति की."
स्वतंत्रता के बाद, अगर कोई एक नेता है जिस पर भारत को पूरा भरोसा है तो वह पीएम मोदी हैं. यह अविश्वास प्रस्ताव लोगों की पसंद को प्रतिबिंबित नहीं करता है, इसे केवल बाधित करने के लिए लाया गया है.
कांग्रेस के विपरीत, बीजेपी सत्ता के लिए पैसा का सहारा नहीं लेती.
जब नरसिम्हा राव सत्ता में थे तो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. कांग्रेस सरकार बचाना चाहती थी और उन्होंने प्रस्ताव जीत लिया. JMM और कई नेताओं को रिश्वत दी गयी. कई नेताओं को जेल भेजा गया, यहां तक कि नरसिम्हा राव (पूर्व प्रधान मंत्री) को भी जेल में डाल दिया गया.
1999 में, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान, हम भी ऐसा कर सकते थे (नेताओं को रिश्वत देना). लेकिन हमने अपनी बात रखी और 1 वोट से प्रस्ताव हार गए. हम प्रस्ताव को बचा सकते थे.
प्रस्ताव लाने वाले विपक्ष को पता है कि संख्या बल सरकार के पक्ष में है. फिर भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आये.
भारत 2027 में बनेगा दुनिया की तीसरा सबसे बड़ा अर्थतंत्र.
हेल्थ सेक्टर का बजट सरकार ने 149 फीसदी बढ़ाया है.
55 शहरों में जी 20 का कार्यक्रम कर भारत की संस्कृति से दुनिया को परिचय कराया.
अमित शाह ने किसान कर्ज माफी को लेकर कहा, "यह (कांग्रेस) हमारे देश के किसानों को तय करना है - एक तरफ यूपीए सरकार थी जिसने 70,000 करोड़ रुपये के कर्ज का 'लॉलीपॉप' दिया था और दूसरी तरफ वह सरकार है, जिसने 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपये सीधे उनके खातों में सम्मानपूर्वक ट्रांसफर किए हैं. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह 'रेवड़ी' नहीं है. हमने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा, 'हमारे पास इस सदन में एक नेता है, जो 13 बार राजनीति में लॉन्च हो चुके हैं. हालांकि, वह हर बार असफल रहे हैं. मैंने एक लॉन्चिंग देखी है जब वह बुंदेलखण्ड की कलावती नाम की एक गरीब महिला से मिलने गए थे. लेकिन आपने उनके लिए क्या किया? मोदी सरकार ने उन्हें घर, राशन, बिजली मुहैया कराई."
अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने "कश्मीर को आतंकवाद से पूरी तरह मुक्त बनाने के लिए लगातार काम किया है."
हम हुर्रियत, जमीयत और पाकिस्तान से नहीं, बल्कि कश्मीर घाटी के युवाओं से बात करेंगे, क्योंकि वो अपने हैं.
पहले कश्मीर में आतंकवादियों की मौत पर जनाजा निकलता था, लेकिन अब जो आंतकवादी जहां मारा जाता है, वहीं दफन किया जाता है.
कश्मीर पर सबसे अधिक शासन महबूबा मुफ्ती, फारूख अब्दुल्ला और गांधी परिवार ने किया, लेकिन पंचायत चुनाव नहीं कराया. हमारी सरकार ने वहां पंचायत चुनाव सफलता पूर्वक कराए.
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं पर 68 फीसदी की कमी हुई.
विपक्ष कहता था कि अनुच्छेद 370 हटाने पर खून की नदियां बह जाएंगी लेकिन आज जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी तो छोड़िए, किसी की कंकड़ चलाने तक की हिम्मत नहीं है.
राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर काम करने के लिए मोदी सरकार की सराहना करते हुए शाह ने कहा, "हमने देश में PFI पर प्रतिबंध लगा दिया और देश में 90 से अधिक स्थानों पर छापे मारे. लंदन, ओटावा और सैन फ्रांसिस्को में हमारे मिशनों पर हमलों के संबंध में मामले NIA को सौंपे गए. 26/11 का आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा भी जल्द ही भारत में न्यायपालिका का सामना करेगा."
महाराष्ट्र पॉलिटिक्स पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि सुप्रिया सुले ने बयान दिया कि हमने (बीजेपी) ने राज्य में सरकार गिराई, लेकिन उन्हें याद दिला दूं कि महाराष्ट्र में किसी ने पहली सरकार गिराई तो वो शरद पवार हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्य में तनाव के लिए मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अप्रैल माह में हाईकोर्ट के आदेश ने आग में घी डालने का काम किया."
मणिपुर HC के आदेश ने तब राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया था.
आप कह रहे हैं कि मणिपुर जल रह है, लेकिन आपके शासनकाल में पूर्वोत्तर के सभी आठों राज्य जल रहे थे.
सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले ही मैंने स्पीकर को पत्र लिखकर कहा था कि मणिपुर पर चर्चा हो और इसके लिए चर्चा का समय जितना हो, उतना करें. गृहमंत्री की बात से सहमत नहीं होते तो पीएम को कहते और वो विचार भी करते.
मैं मानता हूं कि मणिपुर में हिंसा की घटनाएं हुई हैं. ऐसी घटनाओं का कोई भी समर्थन नहीं कर सकता. इस घटना पर राजनीति करना शर्मनाक:
मौन वाले हार गये, हम बोलने वाले हैं इसलिए यहां बैठे हैं.
मैं पहले दिन से ही मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार था लेकिन विपक्ष कभी चर्चा नहीं करना चाहता था. आप मुझे चुप नहीं करा सकते क्योंकि 130 करोड़ लोगों ने हमें चुना है इसलिए उन्हें हमारी बात सुननी होगी. मणिपुर में हमारी सरकार के पिछले छह वर्षों के दौरान कर्फ्यू की आवश्यकता कभी नहीं पड़ी.
जब कोई राज्य का मुख्यमंत्री सहयोग नहीं कर रहा हो तो उसे बदलना पड़ता है. ये सीएम केंद्र के साथ सहयोग कर रहे हैं.
राज्य में डीजीपी, मुख्य सचिव, सुरक्षा सलाहाकार बदल दिये गये, जो आदेश केंद्र कर रहा है, राज्य सरकार उसका पालन कर रही है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में हिंसा के कारणों और राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तृत प्रतिक्रिया दी.
मैं मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से बातचीत में शामिल होने की अपील करता हूं, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम राज्य में शांति लाएंगे. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए.
ये वीडियो (मणिपुर वायरल वीडियो) इस संसद सत्र के शुरू होने से पहले क्यों आया? अगर किसी के पास यह वीडियो था तो उन्हें इसे डीजीपी को देना चाहिए था और उसी दिन (4 मई) कार्रवाई की गई होती. हमें जिस दिन वीडियो मिला हमने उन सभी 9 लोगों की पहचान कर ली और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. मैं वहां (मणिपुर) 3 दिन रहा और इस अवधि के दौरान हमने कई निर्णय लिए. राज्य में सामान्य स्थिति स्थापित करने के लिए क्षेत्र में अर्धसैनिक बल तैनात किया गया है.
अमित शाह ने कहा, "UPA अच्छा नाम था. उन्हें गठबंधन का नाम बदलने (INDIA) की जरूरत क्यों पड़ी? यूपीए 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के घोटालों में शामिल थी. बोफोर्स घोटाला, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, सीडब्ल्यूजी घोटाला, कोयला घोटाला, आदर्श घोटाला, नेशनल हेराल्ड घोटाला, वाड्रा का डीएलएफ घोटाला, चारा घोटाला. उनके पास गठबंधन का नाम बदलने के अलावा कोई रास्ता नहीं है. हमें अपना नाम बदलने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम किसी घोटाले में शामिल नहीं हैं. एनडीए सरकार ने देश को एक स्थिर सरकार दी है."
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