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बॉलीवुड मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग पर बोफोर्स मामले को लेकर दर्द बयां किया है.
अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि बोफोर्स मामले में उन पर और उनके परिवार पर आरोप लगने के कारण उनके अस्तित्व पर सवालिया निशान लग गया था. उन्होंने लिखा है कि निर्दोष होने के बावजूद उन्हें इस घोटाले से उबरने में 25 साल लग गए, जो कि काफी कष्टदायक थे.
अमिताभ ने ब्लॉग में लिखा है कि 25 सालों तक झूठे कलंक के साथ जीना बहुत तकलीफदेह होता है. उन्होंने लिखा कि लंबे समय तक झूठ और धोखे के बोझ तले दबे रहने के बाद जब साल 2012 में उन्हें क्लीनचिट मिली, तो उनसे प्रतिक्रिया मांगी गई.
साल 1986 में स्विस आर्म्स कंपनी बोफोर्स ने तोपों की सप्लाई के लिए भारत से 1600 करोड़ रुपए का सौदा किया था. इस सौदे में भारत सरकार ने स्वीडिश कंपनी एबी बोफोर्स से 155 एमएम की 410 बोफोर्स तोपें खरीदी थीं.
इसी सौदे में गांधी परिवार के करीबी रहे क्वात्रोच्चि पर ब्रोकर की भूमिका निभाने का आरोप लगा था. इसी मामले में व्हिसलब्लोअर स्वीडन के एक्स पुलिस चीफ स्टेन लिंडस्ट्रोम ने अमिताभ का नाम लिया था. हालांकि बाद में लिंडस्ट्रोम ने कहा कि वीपी सिंह सरकार के वक्त उन पर बोफोर्स घोटाले में अमिताभ का नाम जोड़ने का दवाब बनाया गया था.
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