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अमृतसर में जहां रावण दहन के दौरान हादसे में 60 से अधिक लोग मारे गए थे वहां से एक के बाद एक ढाई मिनट के अंतराल पर दो ट्रेनें गुजरी थीं. उत्तरी रेलव के सीपीआरओ ने द क्विंट को यह जानकारी दी है.
पंजाब में शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने घटना स्थल का जायजा लिया. सुखबीर ने इस हादसे को नरसंहार बताया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
अमरिंदर सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों और दूसरे लोगों का गुस्सा साफ तौर पर सामने आया. 12 घंटे बाद अमृतसर पहुंचने पर उठाए गए सवाल पर अमरिंदर सिंह ने कहा कि इससे सुरक्षा एजेंसियों की दिक्कतें और बढ़तीं. साथ ही वे इजरायल जाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर थे और उन्होंने घटना के बारे में जानकारी लगने पर अपना दौरा रद्द कर दिया.
दशहरा की परमीशन, ट्रेन की आवाजाही जैसे सवालों पर कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि इन सब सवालों के जवाब जांच के बाद ही सामने आ पाएंगे.
आज पंजाब में राजकीय शोक घोषित, CM अमरिंदर सिंह पहुंचे अमृतसर
सरकार ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर (0183-2223171, 0183-2564485)
रेलवे DRM ने नकारी रेल विभाग या ड्राइवर की गलती, मारे गए लोगों की संख्या 60 पार
मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पत्नी पर लग रहे आरोपों पर दिया बयान
क्विंट की रिपोर्टर ऐश्वर्या अय्यर को स्थानीय लोगों ने बताया कि दशहरा का आयोजन अवैध जगह पर हो रहा था. फिलहाल लोगों का गुस्सा रेलवे के खिलाफ बढ़ रहा है. एक स्थानीय रेसिडेंट के मुताबिक ट्रैक से 2 ट्रेन निकलीं थी. पहली ट्रेन की स्पीड काफी धीमी थी. जिससे लोग आराम से पटरी से अलग हो गए. लेकिन जो DMU ट्रेन आई, उसकी स्पीड काफी तेज थी. देखिए पूरी रिपोर्ट:
कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब पहुंच चुके हैं. यहां उन्होंने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के अधिकारियों से बचाव और राहत कामों को लेकर मीटिंग की.
फिरोजपुर DRM विवेक कुमार का कहना है कि ‘आयोजन की जानकारी रेलवे को नहीं दी गई थी. घटना के लिए रेलवे की जिम्मेदारी नहीं बनती. ड्राइवर ने लोगों को देखकर ब्रेक भी लगाने की कोशिश की थी.ट्रेन की स्पीड भी 91 किलोमीटर से 68 किलोमीटर तक आ गई थी. ड्राइवर को फिलहाल सुरक्षा में रखा गया है.’
अपनी पत्नी पर लग रहे संवेदनहीनता के आरोपों पर सिद्धू ने कहा कि उनका नाम जबरदस्ती राजनीतिक कारणों से घसीटा जा रहा है.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने चौड़ा बाजार इलाके में पहुंचकर घटनास्थल का दौरा किया.
पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू घायलों से मिलने शहर के गुरू नानक देव हॉस्पिटल पहुंचे.
इससे पहले लोगों ने उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू पर संवेदनहीनता के आरोप लगाए थे. लोगों का कहना था कि सिद्धू कार्यक्रम में गेस्ट थीं और हादसा होने पर तुरंत निकल गई. बाद में सिद्धू ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि उनके जाने के 15 मिनट के बाद उन्हें घटना की जानकारी मिली.
चश्मदीदों ने इस हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. उनका कहना है कि ट्रेन एकदम से आ गई और एक बार भी होर्न तक नहीं दिया गया. साथ ही आम क्या रेलवे विभाग को इस बारे में जानकारी नहीं थी कि वहां पर रावण दहन का कार्यक्रम हो रहा है. दशहरा कमेटी भी सवालों के घेरे में है कि क्या उन्होंने रेलवे को इस कार्यक्रम के आयोजन से पहले कोई जानकारी दी? जानकारी के मुताबिक पिछले कई सालों से इसी जगह पर हर साल दशहरा पर रावण दहन होता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक जताते हुए ट्वीट कर कहा, 'अमृतसर रेल हादसे की वजह से बेहद दुखी हूं. ये दिल दहला देने वाली घटना है. जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया मेरी संवेदना उनके साथ है. मैं घायल लोगों के जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना करूंगा. अधिकारियों से बात की है और लोगों तक तुरंत राहत पहुंचाने के लिए कहा है.'
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'मैंने पंजाब के गृह सचिव और डीजीपी से बात कर हादसे की पूरी जानकारी ली है. दोनों जल्द ही घटनास्थल पर पहुंचने वाले हैं. केंद्र राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में राज्य सरकार की हर मदद करने के लिए तैयार है.'
शुक्रवार शाम को अमृतसर में जोड़ा फाटक के पास भयानकर रेल हादसा हुआ है. दशहरा देखने जुटे लोगों की भीड़ के ऊपर से एक तेज रफ्तार ट्रेन गुजर गई. हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कई लोग घायल हैं.
हादसे के बाद बचाव कार्य जारी है. स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ रेलवे भी बचाव राहत कार्य में जुटा हुआ है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है. शनिवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी भी घटनास्थल पर पहुंचेंगे.
बताया जा रहा है कि ये हादसा उस समय हुआ जब ट्रेन की पटरी के पास रावण का पुतला जलाया जा रहा था जिसे देखने के लिए ट्रैक पर लोग खड़े थे. एक तरफ रावण जल रहा था और दूसरी तरफ से राम की सवारी आ रही थी. ऐसे में जैसे ही रावण दहन हुआ तो लोग ट्रैक की तरफ पीछे हटने लगे और ट्रैक तक आ गए. पटाखों के बीच लोगों को ट्रेन की आवाज सुनाई नहीं दी और तेज रफ्तार ट्रेन ने उन्हें कुचल दिया.
घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों के मुताबिक ट्रेन की स्पीड बहुत ज्यादा थी, जबकि भीड़भाड़ वाले इलाके को देखते हुए इसकी रफ्तार कम होनी चाहिए. साथ ही ट्रेन ने हॉर्न भी नहीं दिया. इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है.
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