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IAS अधिकारी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल से रिहा होने वाले हैं. ऐसे में देश के नौकरशाहों के शीर्ष निकाय- सेंट्रल IAS एसोसिएशन ने बिहार सरकार के उस आदेश के खिलाफ मुखर विरोध जाहिर किया है, जिसकी मदद से आनंद मोहन जेल से रिहा होने वाले हैं.
सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने ट्विटर पर शेयर किए गए एक बयान में कहा, "इस तरह सजा कम करने से लोक सेवकों के मनोबल कमजोर होता है, सार्वजनिक व्यवस्था कमजोर होती है और न्याय प्रशासन का मजाक बनता है."
हत्याकांड के दोषी पाए गए आनंद मोहन को बिहार सरकार का यह 'तोहफा' उस दिन मिला जिस दिन उनके बेटे और RJD विधायक चेतन मोहन की सगाई थी. दरअसल बिहार सरकार ने बिहार जेल मैनुअल में बदलाव किया है जिसके बाद आनंद मोहन समेत उन 26 अन्य लोगों को रिहा किया जाना है, जो 14 साल से अधिक समय से राज्य की विभिन्न जेलों में बंद हैं.
सोमवार को ही बिहार के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव चेतन मोहन की सगाई में पहुंचे, जहां उनके साथ स्टेज पर आनंद मोहन भी दिखें.
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