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अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने न्यूज पोर्टल द वायर पर राफेल डील को लेकर एक खबर के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
द वायर के फाउंर एडिटर एमके वेनु ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अनिल ADAG की तरफ से द वायर को 6000 करोड़ के मानहानि का नोटिस भेजा गया है.
द क्विंट से बात करते हुए एमके वेणु ने कहा:
वेणु ने आगे कहा कि इस तरह के मुकदमों के जरिए उन्हें परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ''जब से राफेल विवाद सुर्खियों में आया है, तब से ये लोग प्रेस पर पाबंदी लगाने की कोशिश कर रहे हैं. हम ये सब जनता के लिए दिखाते हैं. हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.''
जब से यह मामला विवादों में आया है, तब से लेकर अब तक रिलायंस एडीएजी ग्रुप कई मीडिया हाउस और विपक्ष के कई नेताओं पर मानहानि का मुकदमा कर चुकी है.
राफेल विवाद पर कार्यक्रम दिखाने को लेकर रिलायंस एडीएजी ग्रुप एनडीटीवी पर 10 हजार करोड़ के मानहानि का मुकदमा कर चुका है. इसके अलावा एडीएजी ग्रुप ने 'द वायर' की फाउंडर एडिटर सीमा मुस्तफा पर भी 7 हजार करोड़ के मानहानि का केस किया है.
आप नेता संजय सिंह और 'द नेशनल हेराल्ड' पर भी अनिल अंबानी की तरफ से 5 हजार करोड़ के मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया था.
कुल 11 मामलों में 65 हजार करोड़ मानहानि के केस को देखते हुए 'टेलीग्राफ' ने इसे देश में अब तक का सबसे बड़ा 'मानहानि हमला' बताया.
'स्क्रॉल' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहले 15,500 करोड़ के मामहानि के मामले सामने आए थे, लेकिन अब तक कुल 80,500 करोड़ के मानहानि के मामले दर्ज किए जा चुके हैं. ये मुकदमे मीडिया संस्थान, स्वतंत्र पत्रकार और राजनेताओं पर दर्ज कराए गए हैं.
'द वायर' पर मानहानि का यह कोई पहला मुकदमा नहीं है. अमित शाह के बेटे जय शाह ने भी इसके खिलाफ मानहानि का केस किया था. पिछले साल 'द वायर' के एक आर्टिकल को लेकर अडानी ग्रुप ने भी उस पर मानहानि का केस कराया था.
'द वायर' के खिलाफ रिलायंस अब तक मानहानि के 3 केस कर चुका है. सबसे पहला केस 16 फरवरी को रिलायंस कम्युनिकेशन और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की तरफ से एमके वेणु, राधा कृष्णा और एक स्वतंत्र पत्रकार के खिलाफ किया था. यह केस 2जी मामले को लेकर एक आर्टिकल लिखने पर किया गया था.
रिलायंस की तरफ से दूसरा केस 24 सितंबर को कॉलमिस्ट अजय शुक्ला, फाउंडर एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया और एमके वेणु के साथ-साथ एक स्वतंत्र पत्रकार पर किया गया था. तीसरा केस भी उसी दिन राफेल विवाद पर लिखे एक आर्टिकल को लेकर द वायर के पत्रकारों के साथ-साथ कुछ स्वतंत्र पत्रकारों के खिलाफ किया गया था.
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