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दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए बुधवार, 18 मई को इस्तीफा (Delhi LG Anil Baijal Resigns) दे दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा भेज दिया है. दिल्ली के उपराज्यपाल के तौर पर अनिल बैजल के कार्यकाल में कई उतार चढ़ाव आए. इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मनमुटाव भी शामिल है.
बता दें, अनिल बैजल साल 1969 बैच के IAS अधिकारी हैं. उन्होंने अंडमान निकोबार में मुख्य सचिव के पद पर अपनी सेवाएं दी हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल के पद पर अनिल बैजल ने नजीब जंग की जगह ली थी. अनिल बैजल दिल्ली के 21वें उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली थी. उन्हें 28 दिसंबर साल 2016 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से अनुमोदित किया गया था.
अनिल बैजल ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कला में मास्टर डिग्री प्राप्त की है और ब्रिटेन के East Anglia विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं.
बैजल, अटल बिहारी वाजपेयी की NDA सरकार (1999-2004) के तहत केंद्रीय गृह सचिव थे. उन्हें तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी की ओर से दिल्ली विकास प्राधिकरण में सेवा देने के लिए लाया गया था, जहां उन्होंने अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया, लेकिन बाद में उन्हें गृह सचिव के रूप में नियुक्त कर दिया गया.
अक्टूबर 2006 में अनिल बैजल शहरी विकास मंत्रालय के सचिव के रूप में सेवा से सेवानिवृत्त हुए. मंत्रालय में अपनी सेवा के दौरान उन्होंने 60,000 करोड़ रुपये के जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (JNNURM) की योजना और कार्यान्वयन के लिए फंड जारी किया था, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से उत्पादक, कुशल, न्यायसंगत और उत्तरदायी शहर बनाना था.
अनिल बैजल प्रसार भारती निगम के CEO भी रह चुके हैं. उन्होंने 26 जनवरी, 2002 को डीडी भारती लॉन्च किया था. वह साल 2000 में इंडियन एयरलाइंस के अध्यक्ष और एमडी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं. इसके अलावा वह दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी के उपाध्यक्ष रह चुके हैं.
अनिल बैजल ने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के थिंक टैंक की कार्यकारी परिषद के सदस्य के रूप में भी काम किया.
अनिल बैजल को लेकर ये भी बताया जाता है कि बैजल को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में एनएन वोहरा की जगह लेने के लिए इत्तला दी गई थी, लेकिन, 8 जुलाई, 2016 को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में हालात बिगड़ने के बाद केंद्र ने कदम ने कदम पीछे हटा लिया था.
अनिल बैजल ने गृह सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किरण बेदी को महानिरीक्षक (IG) जेल, दिल्ली के पद से हटा दिया था. उन्होंने केरण बेदी पर जेल नियमावली के हर खंड को तोड़ने का आरोप लगाया था. बताया जाता है कि दिल्ली के तत्कालीन LG पीके दवे के समर्थन से उन्होंने किरण बेदी को बर्खास्त कर दिया था.
कोरोना काल के दौरान उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कोरोना के हालात और तैयारियों पर मुख्य सचिव समेत कई आलाधिकारियों के साथ बैठक की थी. जिसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भड़क गए थे. उस दौरान केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि चुनी हुई सरकार की पीठ पीछे ऐसी समानांतर बैठक करना संविधान और सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले के खिलाफ है. केजरीवाल ने कहा था कि हम एक लोकतंत्र हैं. जनता ने मंत्रिपरिषद को चुना है. अगर कोई सवाल है तो आप अपने मंत्रियों से पूछिए. अफसरों के साथ सीधी बैठक करने से बचें.
दिल्ली नगर निगमों में फंड को लेकर भी अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल आमने सामने दिखे थे. बैजल ने केजरीवाल को पत्र लिखकर दिल्ली नगर निगमों के बकाया फंड जारी करने के लिए कहा था. उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कहा था कि जनहित को देखते हुए राशि जारी की जाए. जिस पर दिल्ली सरकार ने जवाब दिया था कि संवैधानिक नियमों के अनुसार पूरा फंड तीनों निगमों को जारी कर दिया गया. सरकार पर एक रुपया भी बकाया नहीं है.
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