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वही दिल्ली का रामलीला मैदान, वही तिरंगा लहराते लोग, देश भक्ति के गीत, वही किसान बाबू राव हजारे उर्फ अन्ना हजारे. वही गांधी टोपी और टोपी पर लिखा मैं अन्ना हूं. लेकिन इस बार ना वो भीड़ है ना मीडिया के हाईटेक कैमरे, ना पत्रकारों की भीड़ और ना ही अन्ना के अर्जुन कहे जाने वाले अरविंद केजरीवाल.
7 साल बाद एक बार फिर समाज सेवी अन्ना हजारे लोकपाल के मुद्दे को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले अन्ना हजारे ने भले ही 2013 में लोकपाल बिल पास करवाकर उस वक्त की जंग जीत ली थी, लेकिन बिल पास होने के 5 साल बाद भी लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है. जिसे लेकर अन्ना दोबारा अनशन पर हैं.
अन्ना लोकपाल नियुक्ति, किसानों के मुद्दे और चुनाव सुधार को लेकर 23 मार्च से अनशन कर रहे हैं. अन्ना के इस आंदोलन की तुलना साल 2011 में हुए उनके ही आंदोलन से की जा रही है. तब के मुकाबले इस बार भीड़ काफी कम है.
“आप भीड़ से किसी की आंदोलन के कामयाबी की तुलना नहीं कर सकते हैं, भीड़ तो आतंकी बुरहान वानी के जनाजे में थी.” ये कहते हुए हरियाणा के जींद में फ्री में गरीब बच्चों को एसएससी की कोचिंग देने वाले राणा विक्रम सिंह अन्ना की झलक पाने के लिए आगे बढ़ जाते हैं.
अन्ना की इस रैली में भीड़ कम है ये बात बार-बार मीडिया से लेकर सत्ता पक्ष पार्टी के लोग कह रहे हैं. अब ऐसे में सवाल उठता है कि कौन हैं ये थोड़े से लोग? कहीं ये लोग किराए पर तो नहीं लाए गए हैं? क्यों ये लोग अन्ना के पीछे फिर से चल दिए हैं. क्विंट ने इस अनशन में आए ऐसे ही कुछ लोगों से जानने की कोशिश की अन्ना के साथ आने के उनके मकसद के बारे में. आइए मिलवाते हैं आपको अन्ना के इस आंदोलन का झंडा उठाने वाले आम लोगों से.
नाम- प्रियांशु
उम्र- 7 साल
7 साल के प्रियांशु के पिता बताते हैं कि वो 2011 में भी अन्ना की रैली में आये थे.
प्रियांशु के पिता एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं, रोज शाम वो यहां आते हैं.
नाम- इनामदार
उम्र- 80 साल
जगह- पुणतांबा, महारष्ट्र
80 साल के इनामदार, गांधी टोपी पहने रामलीला मैदान में बिछे हरे रंग की दरी पर लेटे हुए. पूछने पर कि यहां क्यों आएं हैं, इनामदार एक सांस में बताते हैं,
नाम- राणा विक्रम सिंह
उम्र- 32 साल
जगह- उत्तर प्रदेश
राणा विक्रम सिंह हरियाणा के जींद में गरीब बच्चों को फ्री में एसएससी की कोचिंग देते हैं. कुछ साल पहले बच्चों को पढ़ाकर जींद से दिल्ली आने के वक्त राणा का एक्सीडेंट हो गया था. जिसके बाद डॉक्टर ने उनका एक पांव काट दिया. राणा बताते हैं कि अन्ना के साथ अगर पांच लोग भी हैं, तो वो सच के साथ हैं.
नाम- मनोहर आनंद राव पाटिल
उम्र- 49 साल
जगह- लातूर, महाराष्ट्र
गांधी जी की तरह दिखने वाले पूर्व सैनिक मनोहर आनंद राव पाटिल पिछले कई सालों से लोगों को शांति का संदेश दे रहे हैं. मनोहर अन्ना के सहारे सत्ता में आने वालों से काफी नाराज है. मनोहर कहते हैं,
नाम-कौशल्या देवी
उम्र- 50 साल
जगह- सीतापुर, उत्तर प्रदेश
कौशल्या हाथ में तिरंगा लिए खड़ी हैं. उमंग थिएटर ग्रुप के गानों पर जोर-जोर से तिरंगा लहराती हैं. पूछने पर कि यहां कौन लाया है? क्या किसी ने पैसा दिया है तो गुस्से में कहती हैं हम 23 तारीख से अन्ना के साथ हैं.
यहां आए लोगों को इस बात की उम्मीद है कि भले ही इस बार अन्ना के साथ केजरीवाल, किरण बेदी, कुमार विश्वास जैसे लोग साथ नहीं हैं, लेकिन इस बार अन्ना खाली हाथ नहीं जाएंगे.
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