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झारखंड के सिमडेगा के बाद झरिया में भी भूख से मौत का एक मामला रविवार को सामने आया. झरिया के रहने वाले रिक्शा चालक बैद्यनाथ दास की मौत ने प्रशासन की नींद उड़ा रखी है. मृतक के परिवारवालों का कहना है कि उसकी मौत भूख और गरीबी से हुई है, ये भी आरोप है कि बेहद गरीब होने के बावजूद भी उसे सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था.
मृतक के परिवारवालों का कहना है कि वो तीन साल से राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहा था. अब उसने हाल ही में ऑनलाइन अप्लाई किया था, राशन कार्ड तो नहीं मिल सका, मौत ने पहले ही जिंदगी निगल ली. मृतक के बेटे रवि कुमार का कहना है कि बीपीएल सूची में नाम भी नहीं है साथ ही राशन कार्ड भी नहीं बन सकता है.
रवि के मुताबिक, अगर गरीब को मिलने वाला फायदा उसके परिवार को मिलता तो उसके पिता की मौत नहीं होती. बता दें कि मृतक, 7 लोगों के परिवार में अकेला कमाने वाला था.
इससे पहले झारखंड के ही सिमडेगा में भूख से एक 11 साल की बच्ची की मौत का मामला सामने आया था. इस मामले में फूड सिक्योरिटी को लेकर काम करने वाली संस्था राइट टू फूड कैंपेन ने दावा किया था कि पीडीएस स्कीम के तहत गरीबों को मिलने वाला राशन पिछले कई महीनों से नहीं मिल पा रहा था. क्योंकि इस परिवार का राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं था.
मीडिया में खबर में आने के बाद झारखंड के फूड एंड सिविल सप्लाइज मंत्री ने कहा कि सभी अधिकारियों को पहले से निर्देश दिया गया था कि अगर किसी का राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं है फिर भी उसे राशन दिया जाए.
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