झारखंड में भूख से एक और मौत! रिक्शेवाले ने दम तोड़ा

मृतक के परिवारवालों का कहना है कि वो तीन साल से राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहा था

द क्विंट
भारत
Updated:


(फोटो: ANI)
i
(फोटो: ANI)
(फोटो: ANI)

advertisement

झारखंड के सिमडेगा के बाद झरिया में भी भूख से मौत का एक मामला रविवार को सामने आया. झरिया के रहने वाले रिक्शा चालक बैद्यनाथ दास की मौत ने प्रशासन की नींद उड़ा रखी है. मृतक के परिवारवालों का कहना है कि उसकी मौत भूख और गरीबी से हुई है, ये भी आरोप है कि बेहद गरीब होने के बावजूद भी उसे सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था.

मृतक के परिवार का सदस्य(फोटो-ANI)

3 साल से राशन कार्ड बनाने के लिए लगा रहा था चक्कर!

मृतक के परिवारवालों का कहना है कि वो तीन साल से राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहा था. अब उसने हाल ही में ऑनलाइन अप्लाई किया था, राशन कार्ड तो नहीं मिल सका, मौत ने पहले ही जिंदगी निगल ली. मृतक के बेटे रवि कुमार का कहना है कि बीपीएल सूची में नाम भी नहीं है साथ ही राशन कार्ड भी नहीं बन सकता है.

(फोटो-ANI)

रवि के मुताबिक, अगर गरीब को मिलने वाला फायदा उसके परिवार को मिलता तो उसके पिता की मौत नहीं होती. बता दें कि मृतक, 7 लोगों के परिवार में अकेला कमाने वाला था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सिमडेगा में भी हुई थी 'भूख' से मौत

इससे पहले झारखंड के ही सिमडेगा में भूख से एक 11 साल की बच्ची की मौत का मामला सामने आया था. इस मामले में फूड सिक्योरिटी को लेकर काम करने वाली संस्था राइट टू फूड कैंपेन ने दावा किया था कि पीडीएस स्कीम के तहत गरीबों को मिलने वाला राशन पिछले कई महीनों से नहीं मिल पा रहा था. क्योंकि इस परिवार का राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं था.

बच्ची की मां कोईली ने क्या कहा था

राशन की दुकान पर चावल लाने गई, लेकिन आधार कार्ड लिंक नहीं होने की वजह से दुकानवाले ने राशन नहीं दिया. बच्ची को खाना स्कूल से मिल जाता था. लेकिन दुर्गा पूजा की छुट्टियों के वजह से स्कूल भी बंद हो गया था. जिसके चलते वहां से मिड डे मील भी नहीं मिला. मेरी बेटी भात-भात चिल्लाते हुए मर गई.

मीडिया में खबर में आने के बाद झारखंड के फूड एंड सिविल सप्लाइज मंत्री ने कहा कि सभी अधिकारियों को पहले से निर्देश दिया गया था कि अगर किसी का राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं है फिर भी उसे राशन दिया जाए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 22 Oct 2017,05:19 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT