Home News India सीलमपुर में हिंसा, दिल्ली में प्रदर्शन की 10 बातें
सीलमपुर में हिंसा, दिल्ली में प्रदर्शन की 10 बातें
15 दिसंबर को जामिया में हुए बवाल के बाद राजधानी दिल्ली के कई हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं.
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सीलमपुर में हिंसा की तस्वीर
(फोटो: पीटीआई)
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नागरिकता कानून (CAA) को लेकर जामिया में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद अब देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. 15 दिसंबर को जामिया में हुए बवाल के बाद राजधानी दिल्ली के कई हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं.
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पूर्वोत्तर दिल्ली के सीलमपुर इलाके में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया जब स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव किया और कई बसों को नुकसान पहुंचाया.
भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े तथा लाठीचार्ज किया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीलमपुर टी प्वाइंट पर लोग एकत्र हुए और दोपहर करीब बारह बजे विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ.
प्रदर्शनकारी सीलमपुर से जाफराबाद की ओर बढ़े और वहां से भी प्रदर्शन की खबरें हैं. पुलिस अब ड्रोन के जरिए निगरानी रख रही है. प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और सरकार के विरोध में नारे लगाए.
इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मेरी सभी दिल्लीवासियो से अपील है कि शांति बनाए रखें, एक सभ्य समाज में किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती. हिंसा से कुछ हासिल नहीं होगा. अपनी बात शांति से कहनी है.
दिल्ली मेट्रो ने वेलकम, जाफराबाद, मौजपुर, बदरपुर, सीलमपुर और गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया था. सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन के पास विश्वविद्यालय जाने वाले रास्तों पर पुलिस दल तैनात थे. हालांकि, हालात संभलने के बाद मेट्रो को खोल दिया गया. दिल्ली के कई हिस्सों में ट्रैफिक की दिक्कत देखने को मिल रही है.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हल्के फुल्के प्रदर्शन जारी रहे. इलाके में तनावपूर्ण शांति का माहौल है. सर्द मौसम की परवाह न करते हुए छात्रों और स्थानीय नागरिकों समेत प्रदर्शनकारियों ने सुबह करीब 10 बजे विश्वविद्यालय के गेट नंबर 7 पर जमा होना शुरू कर दिया. उनके हाथों में तिरंगे और पोस्टर थे.
जामिया के छात्रों ने बताया कि उनके कई सहपाठी अपने-अपने घर जा चुके हैं लेकिन उन्होंने यहीं रहने का और तब तक लड़ाई जारी रखने का फैसला किया जब तक कि नागरिकता कानून में किए गए संशोधन वापस नहीं लिए जाते.
कुछ स्थानीय लोग मीडिया से नाराज नजर आए. उनका दावा था कि उनका पक्ष नहीं दिखाया गया. रविवार को प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद यह लगातार दूसरा दिन है जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा है.
सोमवार को हजारों की संख्या में छात्रों ने सड़कों पर उतरकर रविवार को पुलिस के विश्वविद्यालय प्रशासन की इजाजत बिना जामिया परिसर में दाखिल होने और विवि के पुस्तकालय में आंसू गैस के गोले छोड़ने की घटना की जांच की मांग की.
रविवार की घटना में जामिया के छात्र और स्थानीय लोगों समेत बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए. डीटीसी की चार बसों को आग लगाई गई और 100 से अधिक निजी वाहन और पुलिस की दस बाइक को भी नुकसान पहुंचा.