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नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस ने होली फैमिली अस्पताल के पास रोका, जिसमें कई घायल हो गए हैं. जामिया को-कॉर्डिनेशन कमेटी (JCC) की अगुवाई में प्रदर्शनकारी जामिया से संसद तक मार्च निकाल रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें होली फैमिली अस्पताल के पास ही रोक लिया. इन प्रदर्शनकारियों में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कई छात्र भी शामिल थे.
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग, शील्ड और लाठियों का इस्तेमाल किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ छात्रों ने बैरिकेड्स लांघने की भी कोशिश की. प्रदर्शन से आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि भगदड़ जैसे हालात बनने के कारण कई प्रदर्शनकारी बेहोश हो गए और कई घायल भी हो गए.
पीटीआई के मुताबिक, घायलों में जामिया यूनिवर्सिटी और स्थानीय लोग शामिल थे. 9 स्टूडेंट्स को हिरासत में भी लिया गया था. उन्हें बदरपुर पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.
जामिया की स्टूडेंट ने पीटीआई से कहा, 'हम पूरे दिन बैठकर नारे लगा सकते हैं. वो कहते हैं कि हमें संसद तक मार्च करने की अनुमति नहीं है. क्या जिन लोगों ने पिछले हफ्तों बंदूकें दिखाईं, उनके पास इजाजत थी?'
62 साल की रशीदा ने कहा कि सरकार अपना रुख रोज बदल रही है, लेकिन वो अपनी बात पर अड़े हैं. 'हम यहीं पैदा हुए, यहीं मरेंगे.'
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 186, 188, 353, 332 और डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.
जामिया के अलावा, 10 फरवरी को मंडी हाउस से जंतर-मंतर के बीच भी नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन निकाला गया.
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