advertisement
अंबानी बम धमकी मामले में अब नेशनल इनवेस्टिगेटिंग एजेंसी (एनआईए) ने सस्पेंड और गिरफ्तार किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वझे के खिलाफ यूएपीए लगा दिया है. एनआईए पिछले कई दिनों से इस मामले की जांच कर रही है और वझे से लगातार पूछताछ जारी है.
मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी कार मिलने के बाद सचिन वझे को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने इस मामले को लेकर कई खुलासे किए. जिसमें इस बात की आशंका जताई जा रही है कि विस्फोटकों से भरी कार रखने या फिर किसी से रखवाने में वझे का ही हाथ है. वहीं इस कार के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले को लेकर भी शक की सुई वझे और उसके साथियों पर घूम रही है.
मुंबई क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख के पद पर रहे सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र की सियासत में भी खूब उबाल आया. इस मामले को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बन रहा था, ऐसे में सरकार ने पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को हटाने का फैसला किया. लेकिन परमबीर सिंह को हटाए जाने के बाद उन्होंने एक चिट्ठी लिखी, जिसमें महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इस चिट्ठी में कहा गया है कि गृहमंत्री देशमुख ने वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था.
हालांकि सरकार और सभी बड़े नेताओं ने पुलिस अधिकारी के इन आरोपों को तुरंत खारिज कर दिया. जिसके बाद परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने को कहा. अब मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में है.
राज्य के गृहमंत्री पर लगे इन गंभीर आरोपों के बाद विपक्षी पार्टी बीजेपी लगातार सरकार पर हमलावर है और देशमुख का इस्तीफा मांग रही है. वहीं इससे ही जुड़ा एक और मामला अब सामने आया है, बीजेपी नेता फडणवीस ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में पुलिस अधिकारियों के तबादले और ट्रांसफर को लेकर एक बड़ा रैकेट चल रहा है. जिसमें लाखों की रिश्वत चलती है. फडणवीस ने कहा कि इस बात के उनके पास सबूत मौजूद हैं. इसे लेकर उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात कर सीबीआई जांच की भी मांग की है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)