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iPhone को हैकिंग के खतरों से कैसे बचाएं? विपक्षी नेताओं के फोन में आया अलर्ट क्या था?

iPhone Hacking Row: क्या यूजर को बिना बताए, सरकारें फोन डेटा का इस्तेमाल कर सकती है?

मोहम्मद साक़िब मज़ीद
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>iPhone को हैकिंग के खतरों से कैसे बचाएं? विपक्षी नेताओं के फोन में आया अलर्ट क्या था?</p></div>
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iPhone को हैकिंग के खतरों से कैसे बचाएं? विपक्षी नेताओं के फोन में आया अलर्ट क्या था?

फोटो-साकिब/क्विंट हिंदी)

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मंगलवार, 31 अक्टूबर को भारत के कई विपक्षी नेताओं और कुछ पत्रकारों ने दावा किया कि उनके iPhone पर एक 'स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैक' होने का थ्रेट अलर्ट नोटिफिकेशन (Threat Alert Notification) आया है. इसमें लिखा गया कि "Apple का मानना ​​है कि आपको राज्य-प्रायोजित हमलावरों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, जो आपके Apple ID से जुड़े iPhone को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं." विपक्षी नेताओं ने इस सिलसिले में केंद्र की बीजेपी सरकार पर सवाल खड़ा किया और आरोप लगाया कि सरकार ये सब सरकार द्वारा करवाया जा रहा है.

ऐसे में आइए जानते हैं कि इस अलर्ट नोटिफिकेशन का क्या मतलब है? ऐसे फोन हैकिंग खतरों से बचने के लिए क्या करना चाहिए और iPhone में इससे संबंधित कैसे सेक्योरिटी फीचर्स मौजूद हैं.

Apple द्वारा भेजी गई खतरे की घंटी (Threat Notifications) का क्या मतलब है?

Apple की तरफ से भेजा गया यह अलर्ट उन यूजर्स को होशियार करने और मदद करने का एक तरीका है, जिन्हें संभावित रूप से राज्य-प्रायोजित हमलावरों द्वारा टारगेट किया गया हो.

रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे अटैक होने पर कंपनी ने एक सिस्टम बनाया है, जो इस तरह की एक्टिविटीज के पैटर्न से मेल खाने पर पता लगाता है.

जब किसी अटैक का पता चलता है, तो एक "थ्रेड नोटिफिकेशन" ईमेल और iMessage (नॉर्मल मैसेज बॉक्स) द्वारा उन ईमेल एड्रेस और फोन नंबरों पर भेजी जाती है, जो प्रभावित यूजर की ऐप्पल ID से जुड़े होते हैं.

भारत के कुछ राजनेताओं और पत्रकारों को, जो मैसेज मिले हैं...मुमकिन है कि इसी सिस्टम के जरिए उनके फोने में नोटिफिकेशन आया है.

इस मामले पर Apple ने कहा कि

हम इस बारे में जानकारी नहीं दे सकते हैं कि हमें थ्रेट नोटिफिकेशन क्यों भेजना पड़ा और इसके पीछे क्या वजह है. क्योंकि अगर हम इस बारे में जानकारी देते हैं तो इसका राज्य-प्रायोजित हमलावर भविष्य में गलत इस्तेमाल कर सकते हैं.

मैलवेयर अटैक होने पर iPhone यूजर को क्या करना चाहिए?

Apple की तरफ से आए किसी भी तरह के मैलवेयर अटैक के नोटिफिकेशन के बाद यूजर्स को गंभीरता से लेना चाहिए और कंपनी के द्वारा सुझाए गए जरूरी कदम उठाने चाहिए.

Apple ने अपने सपोर्ट पेज पर के जरिए कुछ देता है, जिससे अटैक होने पर iPhone यूजर्स अपने फोन को साइबर अपराधियों और मैलवेयर से बचा सकते हैं.

  • अपने फोन को लेटेस्ट सॉफ्टवेयर वर्जन के साथ अपडेट करें

  • अपने को पासकोड से प्रोटेक्ट करें

  • टू-फैक्टर वेरिफिकेशन का इस्तेमाल करें और Apple ID के लिए मजबूत पासवर्ड बनाएं

  • App Store से ही एप्लीकेशन इंस्टॉल करें

  • अनजान सोर्सेज से मिली लिंक पर क्लिक न करें

  • लॉकडाउन मोड को एक्टिव करें

iPhone में लॉकडाउन मोड क्या होता है?

Apple अपने iPhone में एक लॉकडाउन मोड (Lockdown Mode) फीचर की सुविधा देता है. अगर यूजर्स अपने फोन में ये फीचर एक्टिव रखते हैं, तो इस तरह के हैकर्स से बचा जा सकता है.

Apple ने 2022 में iOS 16 के साथ लॉकडाउन मोड लॉन्च किया था. यह केवल उन यूजर्स को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जो मानते हैं कि उन्हें टारगेट किए जाने का हाई रिस्क है. जैसे पत्रकार, एक्टिविस्ट और सरकारी अधिकारी.

Apple ने अपने सपोर्ट पेज पर बताया है कि ज्यातार लोग कभी भी ऐसे अटैक का निशाना नही बनेंगे.

iPhone में लॉकडाउन मोड कैसे एक्टिव किया जाता है?

  • सेटिंग एप्लीकेशन खोलें

  • Privacy & Security पर क्लिक करें

  • नीचे की तरफ स्क्रॉल करें और Lockdown Mode पर क्लिक करें

  • इसके बाद Turn on Lockdown पर क्लिक करें

  • 'Turn on' पर क्लिक करने के बाद अपने फोन को रीस्टार्ट करें और पासकोड डालें

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Lockdown Mode एक्टिव करने से iPhone पर क्या फर्क पडे़गा?

लॉकडाउन मोड एक्टिव होने पर फोन कॉल और नॉर्मल मैसेज पढ़ा जा सकता है लेकिन कुछ फीचर्स बंद हो जाते हैं.

लॉकडाउन मोड एक्टिव करने के बाद डिवाइस हाई सेक्योरी मोड में चला जाता है. ऐसी स्थिति में iPhone के कई नॉर्मल फीचर्स काम करना बंद कर देते हैं. जैसे- कुछ फोटो, वीडियो और ऑडियो के अलावा ज्यादातर मैसेज अटैचमेंट ब्लॉक हो जाते हैं.

  • लिंक के प्रिव्यू दिखना बंद हो जाता है.

  • Safari ब्राउजर के कुछ फीचर्स ब्लॉक हो जाते हैं, कुछ वेबसाइट्स धीरे-धीरे खुलती और इमेज दिखना भी बंद हो सकती है.

  • FaceTime कॉल तक ब्लॉक रहेंगी, जब तक पहले उस यूजर को कॉल नहीं किया जाएगा, जिससे FaceTime के जरिए बात करनी है.

  • SharePlay और LivePhotos जैसे फीचर्स नहीं काम करेंगे.

  • फोटो शेयर करते वक्त लोकेशन से संबंधित सभी जानकारियां नही दिखती हैं.

  • अगर आप Wi-Fi का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो iPhone अपने आप असुरक्षित वाई-फाई नेटवर्क नहीं कनेक्ट करेगा.

Lockdown Mode एप्पल के किन डिवाइसेज पर उपलब्ध है?

लॉकडाउन मोड केवल उन डिवाइसेज पर उपलब्ध है, जिनमें iOS 16 या उसके बाद का वर्जन, iPadOS 16 या उसके बाद वर्जन, watchOS 10 या उसके बाद का वर्जन और macOS Ventura या बाद का वर्जन इंस्टॉल है.

कैसे पता चलेगा कि iPhone पर आया अलर्ट Apple की तरफ से ही आया है?

सबसे पहले तो Apple इस तरह के अलर्ट नोटिफिकेशन भेजने पर कभी भी किसी लिंक पर क्लिक करने, फाइलें खोलने, एप्लीकेशन इंस्टॉल करने, ईमेल या फोन के जरिए Apple ID पासवर्ड देने के लिए नहीं कहता है.

वेरिफाई कैसे करें?: yourappleid.apple.com पर साइन इन करें. अगर Apple ने अलर्ट नोटिफिकेशन भेजा होगा, तो साइन इन करने के बाद ही पेज के टॉप पर यह दिखाई देगा.

क्या यूजर को बिना बताए, सरकारें फोन डेटा का इस्तेमाल कर सकती है?

भारतीय संविधान में इस तरह के कानून बनाए गए हैं कि सरकारें जरूरत पड़ने पर नागरिकों के फोन के डेटा तक पहुंच बना सकती है लेकिन यह केवल 'अपराध और राष्ट्रीय सुरक्षा' जैसे मामलों में लागू होता है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में एडवोकेट, मसजूद खान, क्विंट हिंदी के साथ बातचीत में बताते हैं कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5(2) के तहत केंद्र और राज्य सरकारों दोनों को राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में फोन टैप करने का अधिकार है. कई बार जांच प्राधिकारी/एजेंसी को संदेह के दायरे में आने वाले व्यक्ति की फोन बातचीत को रिकॉर्ड करने की जरूरत होती है.

टेलीग्राफ अधिनियम की धारा 5, विशेष रूप से सरकारों को सार्वजनिक सुरक्षा के हित में या किसी अपराध का पता लगाने के संबंध में "संचार माध्यम" को कब्जे में लेने की छूट देती है.
कानून के मुताबिक आपराधिक गतिविधि का पता लगाने या रोकने के लिए, टेलीग्राफ अधिनियम की धारा 5 के तहत सरकार कदम उठा सकती है लेकिन संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन नहीं होना चाहिए.
मसजूद खान, एडवोकेट, इलाहाबाद HC

बता दें कि अनुच्छेद 21, नागरिकों को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है. इसमें 'निजता का अधिकार' एक जरूरी हिस्से के रूप में शामिल है.

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