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भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (Army Chief General MM Naravane) ने शनिवार, 2 अक्टूबर को लद्दाख में चीनी सैनिकों को काफी संख्या में तैनाती पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि यह "चिंता का विषय" बना हुआ है और भारतीय सेना चीनी सैनिकों के मूवमेंट की बारीकी से निगरानी कर रही है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने कहा "हमें लगता है कि हम इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ सैनिक तैनाती के मामले में भी उनके सामान विकास कर रहे हैं. यह किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए आवश्यक हैं. इसलिए मुझे लगता है कि हम इस समय किसी भी घटना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं."
सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने अपनी यह भी उल्लेख किया कि भारत अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में चीन के साथ 13 वें दौर की वार्ता कर सकता है. उन्होंने बताया कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच पिछले छह महीने "काफी सामान्य" रहे हैं.
गौरतलब है कि बॉर्डर पर दोनों देशों के पीछे हटने के लिए 12वें दौर की वार्ता 31 जुलाई को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के चीनी हिस्से के मोल्दो में आयोजित किया गया था. इसमें दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में LAC से पीछे हटने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी .
भारतीय सेना ने K9-वज्र रेजिमेंट को LAC के साथ लगे लद्दाख सेक्टर में तैनात किया है, जिसके बारे में सेना प्रमुख ने कहा कि यह उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में काम कर सकता है.
पाकिस्तान की तरफ से एलओसी के पार घुसपैठ और सीजफायर उल्लंघन के बारे में पूछे जाने पर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि फरवरी से जून के अंत तक पाकिस्तानी सेना द्वारा सीजफायर का उल्लंघन नहीं किया गया था, लेकिन हाल ही में घुसपैठ के प्रयासों में वृद्धि हुई है.
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) स्तर की वार्ता के माध्यम से इससे अवगत कराया गया है.
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