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जम्मू-कश्मीर में अमन का इंतजार भले ही लंबा खिंच रहा हो, पर इसकी आस धुंधली नहीं पड़ी है. प्रदेश में जो सेना आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान पत्थरबाजी का सामना करने को मजबूर है, उसी सेना की वर्दी पहनकर वतन की सेवा करने की चाह रखने वाले स्थानीय युवाओं की तादाद हजारों में है.
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में सेना में भर्ती को लेकर विशेष अभियान चल रहा है. इसके लिए स्थानीय युवक बहुत बड़ी तादाद में आवेदन कर रहे हैं. कश्मीर के बारामूला जिले में भर्ती कार्यक्रम में 19,000 से ज्यादा कश्मीरी युवक शामिल हुए. अंतिम रूप से चुने जाने में इनमें से सैकड़ों युवक अपने सपने को साकार कर सकेंगे.
जम्मू-कश्मीर के आज के हालात भले ही चिंता पैदा करने वाले हों, लेकिन सेना के भर्ती अभियान की कामयाबी से इतना तो साफ हो जाता है कि लोगों का गुस्सा 'बाहर' से थोपा गया है. कई रिपोर्ट से यह बात जाहिर हो चुकी है कि षड्यंत्रकारी ताकतें स्थानीय लोगों को न केवल गुमराह करती हैं, बल्कि सेना पर पत्थरबाजी के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग भी करती हैं.
दूसरी ओर, सेना से जुड़ने की आकांक्षा रखने वाले स्थानीय युवाओं का अपने वतन के लिए प्यार लंबी-लंबी कतारों से ही खुद ही झलक जाता है. इसे शब्दों से बयां करने की जरूरत नहीं रह जाती है.
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