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खुदकुशी के लिए उकसाने के एक मामले में गिरफ्तार, रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को नवी मुंबई ते तलोजा सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. गिरफ्तारी के बाद अर्णब को अलीबाग म्यूनिसिपल स्कूल में एक क्वॉरन्टीन सेंटर में रखा गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यायिक हिरासत में होने के बाद भी अर्णब गोस्वामी किसी का मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे थे और सोशल मीडिया पर एक्टिव थे.
द टाइम्स ऑफ इंडिया ने रायगढ़ क्राइम ब्रांच के इन्वेस्टिगेटिंग अफसर जमील शेख के हवाले से बताया है, "मामले के जांच अधिकारी के रूप में, मैंने अलीबाग जेल अधीक्षक को लिखा था कि एक जांच रिपोर्ट मांगी जाए कि गोस्वामी को मोबाइल कैसे मिला और किसने उन्हें क्वॉरन्टीन सेंटर में मोबाइल मुहैया कराया था. इसके बाद, हमने उन्हें रविवार (8 नवंबर) सुबह तलोजा जेल में शिफ्ट कर दिया."
रविवार सुबह, रिपब्लिक टीवी द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में, अर्णब गोस्वामी पुलिस वैन से बात करते देखे जा सकते हैं. इस वीडियो में अर्णब कहते हैं, "मेरी जान को खतरा है. मुझे अपने वकीलों से बात नहीं करने दी जा रही है, मुझे सुबह धक्का दिया गया और बदतमीजी हुई... वो कह रहे हैं कि मुझे मेके वकीलों से बात नहीं करने देंगे, प्लीज देश के लोगों को बताएं कि मेरी जान को खतरा है."
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 7 नवंबर को रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. अर्णब 2018 के आर्किटेक्ट-इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक खुदकुशी मामले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं. ये केस खुदकुशी के लिए उकसाने का है.
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