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कोरोना में मैचमेकिंग: लॉकडाउन में ‘ऑनलाइन’ ऐसे तय हो रहीं शादियां

अब सिर्फ मीटिंग वर्चुअल ही नहीं, बल्कि ऑनलाइन कुंडली मिलाना भी एक ट्रेंड बन गया है

मैत्रेयी रमेश
भारत
Published:
अब सिर्फ मीटिंग वर्चुअल ही नहीं, बल्कि ऑनलाइन कुंडली मिलाना भी एक ट्रेंड बन गया है
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अब सिर्फ मीटिंग वर्चुअल ही नहीं, बल्कि ऑनलाइन कुंडली मिलाना भी एक ट्रेंड बन गया है
(फोटो: iStock)

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28 साल की संजना सिंह, बेंगलुरु में कॉरपोरेट वकील हैं. मार्च में कोरोना वायरस लॉकडाउन लगाए जाने के बाद, उन्हें राहत मिली कि अब उन्हें हर वीकेंड शादी के लिए लड़के नहीं देखने पड़ेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण, लड़के-लड़कियां अब एक-दूसरे के घर या कैफे में नहीं, बल्कि वीडियो कॉल में एक-दूसरे से मिल रहे हैं.

उन्होंने क्विंट को बताया, “मैंने पिछले तीन सालों से ज्यादा, पिछले तीन महीनों में वीडियो कॉल पर लड़के देखे हैं. मैं ये लॉकडाउन का समय ब्रेक के तौर पर ले सकती थी, लेकिन ऐसे मुश्किल हालातों में घर-परिवार से दूर रहने के कारण, मेरे पेरेंट्स ने लड़का ढूंढने की कोशिश और तेज कर दी है, ताकि मैं ‘सेटल’ हो जाऊं.”

<i>“मैं एक दोस्त को जानती हूं जो अपने (अब) मंगेतर से अप्रैल में वीडियो कॉल पर मिली थी, उसका रोका जूम (वीडियो कॉलिंग ऐप) पर हुआ और अब वो इस साल के आखिर तक अपनी शादी प्लान कर रही है. हर कोई यही कह रहा है कि ये नया नॉर्मल है, लेकिन क्या वाकई ये है?”</i>
संजना सिंह

मैचमेकिंग वेबसाइट जीवनसाथी डॉटकॉम ने इसी साल जनवरी में, लॉकडाउन से करीब दो महीने पहले अपनी वेबसाइट पर वीडियो कॉलिंग फीचर लॉन्च किया था. वेबसाइट ने लॉकडाउन के दौरान, वीडियो कॉल्स के नंबर में 60 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी. वेबसाइट ने ये भी दावा किया कि लॉकडाउन के दौरान नए यूजर्स के रजिस्ट्रेशन भी 30 फीसदी तक बढ़े हैं.

(ग्राफिक्स: क्विंट हिंदी)

भारत में एक और लीडिंग मैचमेकिंग पोर्टल, शादी डॉटकॉम ने भी करीब एक महीने पहले, 19 जूनव को वीडियो कॉलिंग फीचर लॉन्च किया. वेबसाइट ने दावा किया कि दो दिन के अंदर ही, 1 लाख लोगों ने इस फीचर का इस्तेमाल किया.

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मुलाकातें और कोरोना पर बातें

पार्टनर की तलाश कर रहे अधिकतर लोगों (लड़के और लड़कियां) ने बताया कि अधिकतर मैच उनके पास पेरेंट्स के शॉर्टलिस्ट करने के बाद आते हैं.

मुंबई के प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाने वाले 29 साल के सागर ने क्विंट को बताया, “मैं प्रोफाइल्स देखता हूं और जिसमें इंट्रेस्ट होता है उसे शॉर्टलिस्ट कर देता हूं. जब दोनों साइड इंस्ट्रेस्टेड होती हैं, तो हम एक-दो दिन मैसेज करते हैं और फिर देखते हैं कि वीडियो कॉल करना है या नहीं. हां, COVID-19 से पहले, हम रेस्टोरेंट में मिलते. अब ऐसा चांस नहीं ले सकते, है ना?”

(ग्राफिक्स: क्विंट हिंदी)

2019 से लॉकडाउन से पहले तक, सागर शादी के लिए केवल दो लड़कियों से मिले थे. लेकिन लॉकडाउन के दौरान, उन्होंने बताया कि वो तीन 'जूम मीटिंग' कर चुके हैं.

<i>“सच बताऊं तो, वीडियो कॉल पर ये बातें सामने बैठकर करने से भी ज्यादा अजीब हैं. खासकर, ऐसे समय में. हम ज्यादातर कोरोना वायरस और मुंबई में केसों को लेकर ही बात करने लगते हैं. पता नहीं ये फनी है या दुखी.”</i>
सागर

चेन्नई की 24 साल की वंदना का भी कुछ ऐसा ही मानना है. उन्हें लगता है कि वीडियो कॉल ‘इंटीमेट’ होती हैं, और इस ‘अजीब प्रोसेस को वो और अजीब’ बना देती हैं.

<i>“मेरी एक लड़के के साथ ‘वर्चुअल डेट’ थी, जिसे मेरे पेरेंट्स ने देखा था. जब मैंने जूम लिंक खोला तो उसका पूरा परिवार वहां उसके साथ कॉल पर बैठा हुआ था. मैं काफी ज्यादा घबरा गई. मैं कुछ ही मिनटों में मीटिंग से निकल गई और उसे कहा कि मेरा इंटरनेट काम नहीं कर रहा है.”</i>
वंदना
(ग्राफिक्स: क्विंट हिंदी)

वंदना ने बताया कि इसके बाद उन्होंने अपने पेरेंट्स से कहा कि वो ‘कभी’ ऐसा नहीं करेंगी. वंदना ने ये भी महसूस किया कि जब वो घर से दूर रहती थीं, तब इस तरह की बातों को नजरअंदाज करना आसान होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है.

<i>“मेरे पेरेंट्स और मैं अलग-अलग शहरों में रहते थे. तब शादी की बात को टालना आसान होता था. लेकिन अब, मैं उनके सामने हूं और ये बहुत मुश्किल है.”</i>
वंदना

ई-कुंडली भी देखी जा रही!

कोरोना वायरस के बाद की इस दुनिया में सिर्फ मीटिंग वर्चुअल नहीं हुई है, बल्कि ऑनलाइन कुंडली मिलाना भी एक ट्रेंड बन गया है.

संजना और वंदना, दोनों के पेरेंट्स मानते हैं कि लड़कियों के लड़के से मिलने से पहले कुंडली मिलानी चाहिए. संजना ने बताया, “मैंने सोचा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों से नहीं मिलूंगी, क्योंकि मेरे पेरेंट्स भी ज्योतिषी के पास नहीं जा पाएंगे. लेकिन मैं तब हैरान रह गई जब मेरी मॉम को कॉल आया कि ज्योतिषी भी जूम कॉल पर आ गए हैं.”

क्लाइंट्स की सेफ्टी पहले

दो लोगों का मर्जी से एक-दूसरे को वीडियो कॉल करना एक बात है, लेकिन तब क्या होता है जब मैचमेकिंग वेबसाइट ये फीचर ऑफर कर रही हों? क्या इसका मतलब ये है कि वेबसाइट पर रजिस्टर करने वाला कोई भी शख्स किसी दूसरे को वीडियो कॉल कर सकता है?

जीवनसाथी डॉटकॉम के बिजनेस हेड, रोहन माथुर ने कहा कि वीडियो कॉल के सेफ्टी फीचर पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है.

<i>“वर्चुअल कॉल पर मिलने वाले लड़के और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमने बहुत ध्यान दिया है. सबसे पहले, वेबसाइट पर दो क्लाइंट्स केवल एक बार मिल सकते हैं, केवल तभी जब दोनों साइड इसकी सहमति देते हैं- जैसे जब एक यूजर इनवाइट भेजता है और दूसरा इसे स्वीकार करता है. साथ ही, ये फीचर यूजर्स को फोन नंबर एक्सचेंज किए बिना कनेक्ट करती है.”</i>
रोहन माथुर, बिजनेस हेड, जीवनसाथी डॉटकॉम

वहीं, भारत मैट्रीमोनी वीडियो कॉल का फीचर केवल प्रीमियम मेंबर्स को देती है. कंपनी ने एक बयान में बताया, “लड़कों को किसी भी प्रीमियम फीमेल मेंबर से वीडियो कॉल आ सकती है और वो केवल उन्हीं लड़कियों को कॉल कर सकते हैं, जिन्होंने उनके पहले सवाल का जवाब दिया हो. लड़के और लड़कियों के पास प्राइवेसी सेटिंग ऑप्शन होता है, जहां वो ये तय कर सकते हैं कि कौन उन्हें वीडियो कॉल कर सकता है.”

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