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आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के ऑर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय विश्व सांस्कृतिक महोत्सव शुक्रवार को शुरू हो गया. आर्ट ऑफ लिविंग की 35वीं सालगिरह पर यह भव्य आयोजन किया जा रहा है. समारोह का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व सांस्कृतिक महोत्सव की शुरुआत के मौके पर दुनियाभर से आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के पास सांस्कृतिक विरासत है. जिस विरासत से दुनिया के मानवीय मूल्यों को भी जोड़ा जा सकता है.
पीएम मोदी ने विश्व सांस्कृतिक महोत्सव को कला का कुंभ बताया. वहीं इस भव्य आयोजन के लिए श्रीश्री रविशंकर का अभिनंदन भी किया.
उन्होंने कहा कि संगीत की साधना दुनिया को डोला सकती है और भारत एक ऐसा देश है, जहां हर पहर का संगीत अलग है.
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव की शुरुआत के मौके पर श्रीश्री रविशंकर ने संबोधित करते हुए कला और संस्कृति के महत्व के बारे में बात करते हुए सभी 155 देशों से आए लोगों और राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया.
यमुना तराई वाले इलाके में आयोजित हो रहे इस समारोह में पहले से ही लोग हजारों की संख्या में मौजूद हैं. दुनिया के विभिन्न देशों के लोगों के इस समारोह में शिरकत करने की उम्मीद जताई जा रही है.
दिल्ली में जोरदार बारिश के चलते विश्व सांस्कृति महोत्सव की शुरुआत तय समय से नहीं हो सकी. हालांकि बारिश के बावजूद भी महोत्सव में शामिल कलाकारों में उत्साह बरकार रहा. महोत्सव में मुख्य मंच के सामने बड़ी संख्या में दुनियाभर से आए कलाकारोें ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने समारोह आयोजित होने का रास्ता शुक्रवार को साफ कर दिया. एनजीटी ने श्रीश्री रविशंकर के फाउंडेशन को इस आयोजन से पर्यावरण को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए पांच करोड़ रुपये जुर्माना अदा करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है.
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