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जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद अब मामला सुप्रीम कोर्ट में सुना जाएगा. सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ दायर कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा. इस दौरान याचिकाओं में दर्ज शिकायतों और दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा. बता दें कि कई संगठनों और व्यक्तियों ने मनवाधिकारों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 370 को हटाए जाने के फैसले के खिलाफ याचिकाएं दायर की हैं.
यह पहला मौका नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 370 को लेकर सुनवाई होगी. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट कुछ याचिकाओं पर सुनवाई कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन की याचिका पर सुनवाई की थी. भसीन का दावा था कि कश्मीर में पत्रकारों पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ऐसी सभी पाबंदियों को हटाने की मांग की थी.
इस सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कहा गया कि हम धीरे-धीरे पाबंदियां हटाने की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं. हालात लगातार सामान्य हो रहे हैं और अगले कुछ दिनों में सभी तरह की पाबंदियां हटा दी जाएंगीं. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह मामला काफी संवेदनशील है, इसीलिए केंद्र सरकार को थोड़ा वक्त देना चाहिए.
जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त को आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद से ही कई नेता आज तक नजरबंद हैं. घरों में कैद नेताओं को बाहर निकलने तक की इजाजत नहीं है. वहीं बाकी विपक्षी नेता भी कश्मीर की जमीन पर पैर नहीं रख सकते हैं. राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने कश्मीर जाने का फैसला किया, लेकिन उन्हें उलटे पांव लौटा दिया गया. जिसके बाद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. विपक्षी नेता लगातार आरोप लगा रहे हैं कि सरकार कश्मीर के लोगों के साथ अन्याय कर रही है. यहां के लोगों की परेशानी को सुनने वाला कोई नहीं है. उधर सरकार की तरफ से हाल ही में कश्मीर में एक डेलीगेशन भेजने का फैसला लिया गया. अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के दो दिवसीय कश्मीर दौरे पर जाने की बात कही गई.
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