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राज्यसभा में आर्टिकल 370 को हटाने और कश्मीर के पुनर्गठन का बिल पास हो गया है. इसी के साथ जम्मू-कश्मीर राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट जाएगा. लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है, जिस पर चीन ने आपत्ति जताते हुए 6 अगस्त को कहा है कि ये कदम इसकी क्षेत्रीय संप्रभुता के खिलाफ है.
इसी के साथ चीन ने भारत को सावधानी बरतने और सीमा मुद्दे को जटिल न बनाने की हिदायत दी है. चीन की ओर से कहा गया,
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुवा चुनयिंग ने जम्मू-कश्मीर में भारत के किए गए बदलावों पर कहा,
उन्होंने कहा, "हम भारतीय पक्ष से सीमा मुद्दे पर सावधानी बरतने का आग्रह करते हैं, ताकि दोनों पक्षों के बीच पहुंचे संबंधित समझौतों का सख्ती से पालन किया जा सके और सीमावर्ती मुद्दे और न उलझें.
लद्दाख को बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित राज्य बनाया गया है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि दिल्ली और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होते हैं लेकिन वहां की सरकारों का अधिकार क्षेत्र सीमित होता है. लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास प्रशासनिक ताकतें ज्यादा होती हैं. ऐसे ही कुछ केंद्र शासित राज्यों में चुनाव नहीं होते जिनमें दमन-दीव और लक्षद्वीप शामिल हैं. यहां विधानसभा या राज्यसभा के चुनाव भी नहीं होते और केंद्र सरकार के पास ही सभी प्रशासनिक अधिकार होते हैं.ॉ
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, लद्दाख की जनसंख्या 2 लाख 74 हजार है. लद्दाख में मुख्य रूप से तीन धर्म के लोग रहते हैं. पहला बौद्ध, दूसरा मुस्लिम और तीसरा ईसाई. लद्दाख की जनसंख्या लेह और कारगिल में बंटी हुई है. लेह में बौद्ध बहुसंख्यक हैं वहीं कारगिल में मुसलमानों की जनसंख्या ज्यादा है. लेह, लद्दाख का सबसे बड़ा जिला है और सभी प्रशासनिक काम यहीं होते हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक लद्दाख में 113 गांव है.
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