advertisement
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को फिर से वित्त मंत्रालय का कामकाज संभाल लिया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री की सलाह पर वित्त और कॉरपोरेट मंत्रालयों का कामकाज अरुण जेटली को सौंपने का निर्देश दिया. इसके बाद जेटली ने वित्त मंत्रालय पहुंच कर दोबारा कामकाज संभाल लिया. किडनी ट्रांसप्लांट के तीन महीने के बाद वह वापस काम पर लौटे हैं. अब उनकी तबियत में काफी सुधार है.
जेटली के बीमार रहने के दौरान वित्त मंत्रालय कामकाज पीयूष गोयल संभाल रहे हैं. हालांकि ऑपरेशन के बाद आराम करते रहने के दौरान भी जेटली सक्रिय रहे. समय-समय पर ब्लैक मनी समेत कई मुद्दों पर उन्होंने सरकार का रुख साफ किया. वह सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव रहे.
2014 में वित्त मंत्रालय संभालने के कुछ महीनों के बाद अपना वजन कम कराने के लिए जेटली ने सर्जरी कराई थी. लेकिन एक साल बाद ही उन्हें कुछ और स्वास्थ्य दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
जेटली की गैर मौजूदगी में गोयल ने एनपीए से लदे सरकारी बैंकों के लिए रिवाइवल प्लान को मंजूरी दी. साथ ही 50 से अधिक सामानों पर 150 अरब रुपये से ज्यादा लेवी कटौती को मंजूरी थी. हालांकि वित्त मंत्रालय की चुनौती अभी भी बरकरार है.
तेल की कीमतों में इजाफे और बढ़ती ब्याज दरों की वजह से अर्थव्यवस्था को पटरी पर बरकरार रखना बड़ा सवाल है. अगले साल लोकसभा चुनाव की वजह से सरकार के लिए इकनॉमी के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन की चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं. ऐसे में अरुण जेटली का अनुभव हालात संभालने में मददगार साबित हो सकता है.
ये भी पढ़ें : अरविंद केजरीवाल ने मांगी माफी, अरुण जेटली ने किया माफ
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)