Home News India आरुषि मर्डर केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार दंपति को बरी किया
आरुषि मर्डर केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार दंपति को बरी किया
देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरुषि-हेमराज हत्याकांड
द क्विंट
भारत
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देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरुषि-हेमराज हत्याकांड
(फोटो: द क्विंट)
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12 अक्टूबर 2017- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजेश और नूपुर तलवार को बरी किया
21 जनवरी 2014- राजेश और नूपुर तलवार ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में लगाई थी अर्जी
26 नवंबर 2013 को नूपुर और राजेश तलवार को सीबीआई कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा की सजा सुनाई
जून 2008- सीबीआई ने जांच शुरू कर एफआईआर दर्ज की
24 मई 2008- यूपी पुलिस ने राजेश तलवार को मुख्य अभियुक्त माना
15 मई 2008 की रात की गई थी आरुषि-हेमराज की हत्या
आरुषि-हेमराज मर्डर केस में तलवार दंपति बरी
देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरुषि-हेमराज हत्याकांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया है. जस्टिस बीके नारायण और जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की बेंच ने केस की जांच में खामी का हवाला देते हुए दोनों को बरी कर दिया. तलवार दंपति को रिहा करने के आदेश दे दिए गए हैं. कोर्ट ने अपने फैसले में सबूतों के अभाव की बात कही.
हाई कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
दोहरे हत्याकांड की जांच में कई तरह की खामियां हैं
तलवार दंपति को सिर्फ संदेह के आधार पर सजा दी गई, जो सही नहीं है
सीबीआई ने जो सबूत पेश किए हैं, उनसे जुर्म सिद्ध नहीं होता
ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट भी इतनी कठोर सजा नहीं देता
तलवार दंपति को जेल से तुरंत रिहा किया जाए
हाई कोर्ट का फैसला आने पर आरुषि मर्डर केस में जेल में बंद तलवार दंपति भावुक हो गए. उन्होंने कहा- देर से ही सही, हमें इंसाफ मिला है.
शुक्रवार को हो सकती है तलवार दंपति की रिहाई
आरुषि मर्डर केस में गाजियाबाद की डासना जेल में बंद तलवार दंपति को शुक्रवार को जेल से रिहा किया जा सकता है. इस मामले में हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद राजेश तलवार और नूपुर तलवार के वकील ने कहा कि कानूनी कार्यवाही के बाद दंपति को शुक्रवार को रिहा किया जा सकता है.
कोर्ट के फैसले से राहत मिली, हम मुश्किल समय से गुजरे हैं: तलवार परिवार
नुपूर तलवार के पिता ने कहा कि अपनी बेटी आरुषि की हत्या के 9 साल तक चले मुकदमे ने तलवार दंपति को भावना शून्य कर दिया और उन्हें बरी करने के लिए न्यायपालिका का शुक्रिया अदा किया. वायुसेना के पूर्व ग्रुप कैप्टन बीजी चिटनिस ने कहा कि अपनी बेटी नुपूर और उसके पति राजेश को जेल में देखना उनके लिए बहुत कष्टकर था.
इस फैसले के लिए मैं न्यायपालिका का अभारी हूं. उन्हें(तलवार दंपती को) मुसीबतों का सामना करना पड़ा. वे लोग भावना शून्य हो गए हैं. मेरे लिए उम्र के इस पड़ाव में अपनी बेटी को जेल में देखना बहुत कष्टकर था.
नुपूर तलवार के पिता
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सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर ने कहाः कोर्ट का फैसला, तलवार दंपति के लिए क्लीन चिट नहीं है
Aarushi Murder Case में फैसला आने के बाद सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर एपी सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला तलवार दंपति के लिए क्लीन चिट नहीं है, उन्हें सिर्फ संदेह का लाभ दिया गया है. उन्होंने कहा कि तलवार दंपति निर्दोष नहीं हैं.
उन्होंने कहा, "हमारे लिए सबसे बड़ी कमजोरी यही रही कि जबतक हमने जांच शुरू की, तब तक क्राइम सीन के साथ बुरी तरह से छेड़छाड़ की जा चुकी थी. यहां तक कि पहले दिन ही क्राइम सीन को छेड़ा गया. यही वजह रही कि सीबीआई टीम को जांच में क्राइम सीन से किसी भी तरह की खास मदद नहीं मिली.
विशाल भारद्वाज ने भी किया फैसले का स्वागत
फिल्म निर्देशक विशाल भारद्वाज ने फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया कि देर से ही इंसाफ मिला है. 2015 में निर्देशक विशाल भारद्वाज ने आरुषि केस पर एक फिल्म लिखी- ‘तलवार’. इस फिल्म को मेघना गुलजार ने डायरेक्ट किया था.
आरुषि-हेमराज मर्डर मिस्ट्री
आरुषि-हेमराज की हत्या नोएडा के जलवायु विहार के एल-32 फ्लैट में 15 मई 2008 की रात हुई थी. आरुषि के पिता डॉ. राजेश तलवार ने बेटी को जान से मारने का शक अपने नौकर पर जताते हुए पुलिस में हेमराज के नाम एफआईआर दर्ज कराई. पुलिस हेमराज को खोज ही रही थी कि दो दिन बाद उसी फ्लैट की छत पर हेमराज की शव बरामद हुआ .
पहले नोएडा पुलिस और फिर सीबीआई की दो-दो टीमों ने इस केस की जांच की. मामले में सनसनीखेज मोड़ उस वक्त आया, जब सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को सीबीआई कोर्ट ने राजेश और नूपुर के खिलाफ चार्जशीट में बदल दिया.
पेशे से डॉक्टर दंपती पर अपनी इकलौती संतान आरुषि (14 साल) के साथ अपने घरेलू नौकर हेमराज (45 साल) की हत्या करने और सबूत मिटाने के आरोप लगे. ये हत्याकाण्ड उस समय हुआ जब आरुषि के माता-पिता दोनों ही फ्लैट में मौजूद थे.
सीबीआई ने Aarushi Murder Case में उसके माता पिता डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार को ही आरोपी बनाया. गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने सुनवाई शुरू की और आरुषि और हेमराज की हत्या में तलवार दंपति को दोषी पाया. कोर्ट ने नवंबर 2013 में डॉ. राजेश तलवार और डॉ. नूपुर तलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई. फैसला सुनाए जाने के बाद तलवार दंपति को गाजियाबाद की डासना जिला जेल भेज दिया गया.
Aarushi Murder Case में सीबीआई ने दी थीं ये दलीलें
वारदात की रात घर में सिर्फ चार लोग थे. आरुषि-हेमराज-राजेश और नूपुर तलवार. इन चार में से दो की हत्या हो गई और दो बच गए. सीबीआई ने कहा कि घर में किसी बाहरी शख्स के होने या आने के सबूत नहीं मिले हैं. इस आधार पर सीबीआई ने तलवार दंपति पर आरोप लगाया कि उन्होंने ही आरुषि-हेमराज की हत्या की और फिर घर से सबूत मिटाए.
आरुषि के कमरे से आवाज आने पर राजेश तलवार उठे और हेमराज के कमरे में गए. वहां हेमराज के नहीं होने पर वो आरुषि के कमरे में गए और दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख कर गॉल्फ स्टिक से उस पर वार किया. पहला वार हेमराज के सिर के पिछले हिस्से पर लगा, दूसरे हमले के दौरान गॉल्फ स्टिक आरुषि के सिर पर लगी.
गॉल्फ स्टिक के हमले से हेमराज की मौत होने के बाद राजेश और नूपुर तलवार उसकी लाश को चादर में लपेटकर घसीटते हुए छत पर ले गए.
आरुषि और हेमराज पर पहले गॉल्फ स्टिक से हमला किया गया और उसके बाद सर्जिकल ब्लेड से दोनों का गला रेत दिया गया.
हेमराज की लाश को छत पर रखने के बाद राजेश तलवार वापस फ्लैट में आए और सबूत मिटाने के दौरान उन्होंने शराब पी.
तलवार दंपति ने की थी हाईकोर्ट में अपील
डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार ने सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद की ओर से उम्रकैद की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी.
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