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आर्यन खान ड्रग्स केस (Aryan Khan Drugs Case) में NCB के स्वतंत्र गवाह किरण गोसावी को पुणे पुलिस ने 28 अक्टूबर को गिरफ्तार किया. पुणे पुलिस ने 2018 के एक धोखाधड़ी मामले में गोसावी को हिरासत में लिया है. 2019 में पुणे पुलिस ने गोसावी को वॉन्टेड बताया था. तभी से वो फरार चल रहा था.
इसके सके बाद, NCP नेता नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि गोसावी सहित दो नागरिकों को आर्यन को NCB ऑफिस में लाते देखा गया था. उन्होंने NCB ऑफिस में गोसावी की उपस्थिति पर सवाल उठाया, क्योंकि गोसावी अधिकारी नहीं था.
25 अक्टूबर को, गोसावी ने घोषणा की थि को वो लखनऊ के मडियाव पुलिस स्टेशन में सरेंडर करेगा. लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा कि गोसावी लखनऊ में सरेंडर नहीं कर सकता क्योंकि लखनऊ पुलिस स्टेशन के पास उसके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है.
गोसावी ने कहा कि वो उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने सरेंडर करना चाहता है, क्योंकि उसे महाराष्ट्र में खतरा महसूस हो रहा है.
ड्रग्स पार्टी से जुड़ी रेड में गवाह प्रभाकर सेल ने NCB पर सादे कागज पर हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया है. साथ ही प्रभाकर ने कहा है कि इस मामले में NCB की ओर से गवाह बने केपी गोसावी ने शाहरुख खान से आर्यन खान की रिहाई के लिए 25 करोड़ रुपये वसूलने की कोशिश की थी. उसने NCB के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े पर आरोप लगाया था कि वानखेड़े को 8 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था.
पुणे पुलिस के हिरासतम में लिए जाने से पहले केपी गोसावी ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें वो कह रहा है कि प्रभाकर सेल के आरोप गलत हैं और वो झूठ बोल रहा है. गोसावी ने कहा, "मैं बस इतना अनुरोध करना चाहता हूं कि उसकी CDR रिपोर्ट जारी की जानी चाहिए, जो भी प्रस्ताव उसे मिले हैं, वो स्पष्ट हो जाएगा. मेरी CDR रिपोर्ट या चैट जारी हो सकती है, प्रभाकर सेल और उसके भाई की CDR रिपोर्ट के साथ-साथ चैट भी जारी की जानी चाहिए, सब कुछ साफ हो जाएगा."
गोसावी ने आगे कहा कि कम से कम एक मंत्री या महाराष्ट्र का कोई भी विपक्ष का नेता उसके साथ खड़ा होना चाहिए. गोसावी ने कहा, "कम से कम उन्हें मुंबई पुलिस से अनुरोध करना चाहिए कि मैं क्या मांग रहा हूं (प्रभाकर सेल की CDR और चैट जारी करने के लिए). एक बार उसकी रिपोर्ट सामने आएगी तो सब कुछ साफ हो जाएगा."
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