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आर्थिक सुधारों के लिए अच्छी खबर है. पिछले एक दशक से अटका हुआ जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर इस साल 1 जुलाई से लागू हो सकता है. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि जीएसटी 1 जुलाई से लागू होगा, सभी राज्यों ने इस तारीख पर सहमति जताई है.
आपको बता दें कि जीएसटी लागू होने के बाद कई तरह के टैक्स खत्म हो जाएंगे और देशभर में एक टैक्स व्यवस्था लागू होगी.
सरकार की योजना जीएसटी काउंसिल की 4-5 मार्च को होने वाली बैठक में आईजीएसटी (इंटीग्रेटेड जीएसटी), सीजीएसटी (केंद्रीय जीएसटी) और एसजीएसटी (राज्य जीएसटी) मसौदों को मंजूरी दिलाने की है. ये मंजूरी सरकार बजट सत्र के दूसरे भाग के लिए संसद की कार्यवाही शुरू होने से यानी 9 मार्च से पहले लेना चाहती है. जीएसटी के क्षतिपूर्ति विधेयक मसौदे को 18 फरवरी को ही जीएसटी काउंसिल की मंजूरी मिल चुकी है.
काउंसिल ने इस व्यवस्था के लिए टैक्स स्लैब तैयार किए हैं. जिसके तहत 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी के टैक्स शामिल हैं.
जीएसटी एक ऐसा इनडायरेक्ट टैक्स है जिससे पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान टैक्स लगेगा. केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से लगाए जा रहे करीब 20 टैक्स खत्म हो जाएंगे. फिलहाल देश में वस्तुओं और सेवाओं के लिए अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं. एक ही सामान पर कई जगह टैक्स लगता है. जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश को एक बाजार व्यवस्था में बदला जा सकेगा.
3 तरीके से लगेगा टैक्स
क्या सस्ता क्या मंहगा ?
मोबाइल फोन, फुटवेयर, बोतल वाला पानी, नहाने का साबुन, एलइडी टीवी, साइकिल, पेन और एसी महंगे हो सकते हैं. इसके अवाला लिक्विड डिटरजेंट, हेयर कलर, बॉडी वॉश, और चॉकलेट भी महंगे हो जाएंगे.
कुछ सामान सस्ते हो सकते हैं जैसे चाय पर फिलहाल करीब 6 फीसदी का टैक्स लगता है. जीएसटी लागू होने के बाद इस पर 5 परसेंट टैक्स ही लगेगा. खाने-पीने के सामानों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. सरकार का कहना है जरूरी सामानों में से आधे सामानों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
ऐसा माना जा रहा है कि जीएसटी 1991 में हुए आर्थिक सुधारों के बाद सबसे बड़ा आर्थिक कदम है. जीएसटी लागू होने के बाद जीडीपी में 2 फीसदी की बढ़ोतरी का भी अनुमान लगाया जा रहा है.
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