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ओवैसी बोले-कागज नहीं सीना दिखाएंगे,दिल पर मारो गोली,दिल में भारत

असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर एनआरसी को लेकर सरकार को चुनौती दी है.

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असदुद्दीन ओवैसी का सरकार पर हमला
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असदुद्दीन ओवैसी का सरकार पर हमला
(फाइल फोटोः IANS)

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नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर देशभर में विरोध के साथ-साथ नेताओं के बयान भी जारी हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर एनआरसी को लेकर सरकार को चुनौती दी है. ओवैसी ने कहा कि मैं इस देश में रहूंगा और कागज भी नहीं दिखाउंगा. और अगर किसी को गोली मारनी है तो मेरे दिल पर मारे, क्योंकि इस दिल में भारत है.

असदुद्दीन ओवैसी ने एक सभा में कहा,

‘जो मोदी-शाह के खिलाफ आवाज उठाएगा वो सही मायने में मर्द-ए-मुजाहिद कह लाएगा. मैं वतन में रहूंगा, कागज नहीं दिखाऊंगा. कागज अगर दिखाने की बात होगी तो सीना दिखाएंगे की गोली मारे. दिल पर गोली मारिए क्योंकि दिल में भारत की मोहब्बत है.’

बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान गोली मारने का मुद्दा उठा था. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा समेत कई नेताओं ने अपने बयान शाहीन बाग, सीएए और एनआरसी का विरोध करने वालों के लिए विवादित बयान दिए थे.

अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के रिठाला से बीजेपी के उम्मीदवार मनीष चौधरी के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया था . इसी दौरान उन्होंने स्टेज से लोगों को नारा लगाने के लिए कहा. रैली में, वित्त राज्य मंत्री ठाकुर ने कहा “ देश के गद्दारों को”, जिसपर भीड़ ने कहा, “ गोली मारो स***को.”

ओवैसी ने कहा था-मैं घुसपैठी नहीं घुसपैठियों का बाप हूं

4 फरवरी को लोकसभा में असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता कानून को लेकर सरकार पर हमला बोला था. ओवैसी ने इस बार कहा कि नागरिकता कानून नागरिकता देता भी है और लेता भी है. उन्होंने असम में लागू हुई एनआरसी का जिक्र करते हुए अपनी बात को सदन में रखा. ओवैसी ने कहा कि असम में बंगाली हिंदुओं को नागरिकता देना चाहते हैं, जबकि 5 लाख मुस्लिमों के नाम नहीं आए.

“सीएए नागरिकता देता भी है और लेता भी है. इसकी मिसाल असम है. असम में 5 लाख मुस्लिमों के नाम नहीं आए, लेकिन असम के बंगाली हिंदुओं को नागरिकता देना चाहते हैं. मैं घुसपैठी नहीं घुसपैठियों का बाप हूं. एनपीआर-एनआरसी एक ही हैं.”
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बता दें कि दिल्ली के शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ पिछले 57 दिनों से महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. इसके अलावा भी देशभर में करीब हर बड़े शहरों में ये विरोध जारी है. इस विरोध प्रदर्शन में देशभर में करीब 25 लोगों की मौत भी हुई है.

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