advertisement
ऑल इंडिया इत्तेहाद-उल-मुसलीमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन औवेसी ने शनिवार को लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो लोग नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं, वे अपने घरों के बाहर तिरंगा फहराएं. इससे बीजेपी और सरकार को इस कानून के खिलाफ संदेश जाएगा.
''जो भी एनआरसी और नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में है, उन्हें अपने घर के बाहर तिरंगा फहराना चाहिए. ताकि उन्हें (बीजेपी) को संदेश भेजा जा सके कि आपने गलत किया और एक काला कानून बनाया है.''
ओवैसी ने लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि इस कानून के खिलाफ अहिंसक विरोध प्रदर्शन करना जारी रखें.विधान की प्रस्तावना को भी पढ़ा गया. वैसी ने लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि इस कानून के खिलाफ अहिंसक विरोध प्रदर्शन करना जारी रखें.
बता दें नागरिकता संशोधन कानून का पूरे देश में जबरदस्त विरोध हो रहा है. इसके तहत पहली बार धर्म को आधार बनाकर नागरिकता देने के लिए कानून बनाया जा रहा है. जानकार इसे संविधान के ''मूल ढांचे'' के खिलाफ बता रहे हैं और कानून को संविधान की आत्मा का हनन करने वाला बताया जा रहा है. इसके जरिए समता के अधिकार, जिसके तहत लिंग, जाति, धर्म, नस्ल के आधार पर भेद नहीं किया जा सकता, उसका भी हनन बताया जा रहा है.
इस कानून पर सबसे बड़ी व्यवहारिक आपत्ति इसके एनआरसी से गठजोड़ को लेकर है. गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी प्रेसिडेंट जे पी नड्डा लगातार एनआरसी लागू किए जाने की बात दोहराते रहे हैं. असम की एनआरसी की तरह देशभर के कई नागरिक दस्तावेज न होने की स्थिति में बीच में लटक सकते हैं.
ऐसे में मुस्लिमों को छोड़कर बाकी लोगों को नागरिकता संशोधन कानून के जरिए नागरिकता लेने का सहारा मिल जाएगा. वहीं मुस्लिमों के पास यह विकल्प नहीं होगा. हालांकि सरकार दोहरा रही है कि देश के मुस्लिमों की नागरिकता पर इस कानून से असर नहीं पड़ेगा. इस कानून में सिर्फ बाहरी मुस्लिम शरणार्थियों को छोड़ गया है. लेकिन इसके एनआरसी से होने वाले घालमेल पर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है.
उत्तरप्रदेश में सरकार ने 21 जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया है. कई जिलों में हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. पुलिस की कार्रवाई में अभी तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. सैकड़ों की संख्या में लोग बुरी तरह घायल हुए हैं.
19 दिसंबर को लेफ्ट पार्टियों ने देशबंद करवाया था. इस दिन संविधानवादियों ने दिल्ली में लाल किला, जंतर-मंतर पर बड़े प्रदर्शन किए. बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया.
यह आंदोलन देश भर की यूनिवर्सिटियों से खड़ा हुआ है. जामिया में पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ जेएनयू, आईआईटी, आईआईएएम समेत कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में छात्रों ने प्रदर्शन किए.
21 दिसंबर को बिहार में आरजेडी ने बंद करवाया. वहीं असम में तो स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. लगातार प्रदर्शनों के कारण बड़े इलाके में धारा 144 और कर्फ्यू लगाया गया है.
दक्षिण भारत में भी कर्नाटक और केरल में बड़े प्रदर्शन हुए. मैंगलोर में हुए प्रदर्शन में कुछ प्रदर्शनकारियों की मौत भी हुई है. मध्यप्रदेश के भोपाल में प्रदर्शनकारियों ने बड़ी संख्या में कई शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए हैं, वहीं जबलपुर के प्रदर्शन में हिंसा की खबरें भी सामने आईं.
पढ़ें ये भी: लखनऊ पुलिस ने कहा- आज निकालेंगे तुम्हारी पत्रकारिता: रिपोर्टर
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)