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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले साल प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मंगलवार शाम जेल से रिहा कर दिया गया. इससे पहले निचली अदालतों द्वारा अनुरोधों को खारिज करने के बाद आशीष को पिछले हफ्ते इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी.
आशीष मिश्रा के वकील अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि कोर्ट ने तीन-तीन लाख रुपये की दो जमानत की मांग की थी, लेकिन शहर से बाहर जाने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है.
आशीष मिश्रा की जमानत का आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाए थे. कोर्ट ने हत्यारोपी के घटनास्थल पर मौजूद होने की पुलिसिया कहानी पर भी सवाल खड़े किए थे.
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पुलिस जांच को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि FIR में आशीष मिश्रा को फायरिंग करने वाला बताया गया था, लेकिन किसी को गोली नहीं लगी. कोर्ट ने आगे कहा था कि वाहन चालक को प्रदर्शनकारियों को कुचलने के लिए उकसाने वाला बताया गया, लेकिन चालक और अन्य को प्रदर्शनकारियों ने मार डाला.
हाईकोर्ट ने धारा 144 लगने के बावजूद भीड़ के जमा होने पर भी जिला प्रशासन पर सवाल उठाए. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा अगर पुलिस की कहानी मानें कि हजारों लोग जमा हो गए थे तो इस बात की आशंका भी हो सकती है कि चालक ने खुद को बचाने के लिए वाहन तेज करने की कोशिश की, जिसके कारण यह घटना हुई हो.
बीते 10 फरवरी को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से आशीष मिश्रा को जमानत मिली, पर फिर भी उसका जेल से बाहर आना संभव नहीं हो पा रहा था. इसकी वजह को हम एक क्लेरिकल मिस्टेक या कानूनी झमेला कह लें. अब हुआ यह था लखीमपुर पुलिस ने आशीष मिश्रा पर आईपीसी की धारा 147,148, 149,302, 307,326, 34, 427, और 120बी के साथ 3/25, 5/27 व 39 आर्म्स एक्ट लगाते हुए एफआईआर दर्ज की थी. इस केस की विवेचना के दौरान जब चार्जशीट दाखिल हुई तो उसमें यह सभी धाराएं शामिल थीं.
10 फरवरी को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्रा को को आईपीसी की 147 148, 149 307,326, 427/34 , 30 आर्म्स एक्ट, 177 एमवी एक्ट में जमानत दी. आशीष के जमानत आदेश में धारा 302,120B गायब थीं. ऐसे में इस आदेश से आरोपी की गिरफ्तारी की सभी धाराओं में जमानत पुष्ट नहीं हो पा रही थी.
इसके लिए मिश्रा के वकीलों ने जमानत आदेश में संशोधन की अर्जी डाली. कल इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मिश्रा के जमानत आदेश में आईपीसी 302 और 120बी को जुड़वा दिया और मंत्री पुत्र आशीष के मामले में 3-3 लाख के दो बेल बॉन्ड जमा कराने का आदेश दिया. फिर क्या था फटाफट उसके वकीलों ने जमानतदारों के कागज के साथ बेल बॉन्ड दाखिल किया गया और अपनी लग्जरी गाड़ियों से निरपराध किसानों को रौंदने का आरोपी मंत्री पुत्र सलाखों से बाहर निकला आया.
आशीष मिश्रा पर लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया गांव में पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों को जीप से कुचलकर मारने का आरोप है. आशीष मिश्रा को घटना के 6 दिन बाद 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.
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