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अद्भुत वीरता दिखाने वाले लांस नायक मोहन नाथ को मरणोपरांत अशोक चक्र

राष्ट्रीय रायफल्स के लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को कृतज्ञ राष्‍ट्र ने मरणोपरांत सम्‍मान से नवाजा.

द क्विंट
भारत
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आतंकियों के बीच घिरे दस्ते में शामिल तीन साथी जवानों की बचाई थी जान&nbsp;(फोटोः <a href="https://www.youtube.com/watch?v=Q7ayXmNHBe4">YouTube/PMOIndia</a>)
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आतंकियों के बीच घिरे दस्ते में शामिल तीन साथी जवानों की बचाई थी जान (फोटोः YouTube/PMOIndia)
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राष्ट्रीय रायफल्स के लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को इस साल सर्वोच्च वीरता के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है.

लांस नायक गोस्वामी को जम्मू-कश्मीर में मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकवादियों को मार गिराने, एक को घायल करने और अपने तीन साथियों की जान बचाने में दिखाई गई असाधारण वीरता के लिए यह सम्मान दिया गया है.

67वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मंगलवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राजपथ पर आयोजित समारोह में लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया.

राजपथ पर लांस नायक गोस्वामी की विधवा भावना गोस्वामी अशोक चक्र लेने पहुंची थीं.

शहीद मोहन नाथ गोस्वामी की विधवा भावना गोस्वामी को अशोक चक्र प्रदान करते राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (फोटोः YouTube/PMOIndia)

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, बीते साल 2 सितम्बर की रात को लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हफरूदा जंगल में सर्च ऑपरेशन दस्ते में शामिल थे. इसी दौरान चार आतंकवादियों के साथ उनके दस्‍ते की मुठभेड़ हो गई.

इस मुठभेड़ में उनके दो साथी घायल हो गए. इसके बाद लांस नायक मोहन अपने दोस्त के साथ अपने सहयोगियों को बचाने के लिए आगे बढ़े. उन्हें अच्छी तरह पता था कि आगे बढ़ने में उनकी जान को खतरा है.

गोस्वामी घायल होने के बावजूद अपने साथियों को बचाने व आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए वहां पहुंचे. उन्होंने न केवल दो आतंकवादियों को मार गिराया, बल्कि अपने साथियों की भी जान बचाई. वह मुठभेड़ में घायल हो गए थे और 11 दिन बाद वीरगति को प्राप्त हो गए.

शहीद लांस नायक गोस्वामी उत्तराखंड के नैनीताल जिले की हल्द्वानी तहसील से ताल्लुक रखते थे. उनके परिवार में पत्नी और सात साल की एक बेटी है.

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