Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अशरफ गनी ने वीडियो जारी कर देश छोड़ने पर दी सफाई-'नहीं भागता तो कत्लेआम हो जाता'

अशरफ गनी ने वीडियो जारी कर देश छोड़ने पर दी सफाई-'नहीं भागता तो कत्लेआम हो जाता'

अफगानिस्तान के राजदूत मोहम्मद जहीर अगबर ने दावा किया है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी पैसे लेकर भागे

क्‍व‍िंट हिंदी
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी </p></div>
i

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी

null

advertisement

अफगानिस्तान से जाने के बाद पहली बार राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) दुनिया के सामने आए और उन्होंने अपना देश छोड़ने की वजह बताई. अपना वीडियो संदेश जारी कर कहा कि मैं देश छोड़कर नहीं आता तो कत्लेआम हो जाता, खून-खराबा होता. मैं देश में ऐसा होते नहीं देख सकता था, इसलिए मुझे हटना पड़ा उन्होंने पैसे लेकर भागने के आरोपों को का भी खंडन किया. गनी ने कहा कि उनके पास अपने जूते बदलने का भी समय नहीं था और रविवार को राष्ट्रपति भवन में पहनी हुई सैंडल के साथ काबुल से निकल गए.

बता दें कि ताजिकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत मोहम्मद जहीर अगबर ने दावा किया है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) जब अफगानिस्तान से भागे थे, तो वह अपने साथ 16.9 करोड़ डॉलर ले गए थे. उन्होंने कहा कि गनी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और अफगान राष्ट्र की संपत्ति को बहाल किया जाना चाहिए.

बुधवार को दुशांबे में एक संवाददाता सम्मेलन में अगबर ने गनी के भागने को राज्य और राष्ट्र के साथ विश्वासघात कहा और दावा किया कि उन्होंने अपने साथ 169 मिलियन डॉलर ले लिए थे.अगबर ने घोषणा की कि अशरफ गनी के पहले डिप्टी अमरुल्ला सालेह अब कानूनी रूप से अफगानिस्तान के राष्ट्रपति थे.

अगबर ने यूरेशियानेट के साथ एक इंटरव्यू में कहा, "अशरफ गनी ने अफगानिस्तान को तालिबान को सौंप दिया. हमारे पास 350,000 से अधिक सुसज्जित सैनिक, अनुभवी सैन्यकर्मी थे, और वे तालिबान से नहीं लड़े थे. हमने इसे अफगानिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों में ताजिकिस्तान की सीमा से अधिक देखा. यहां 20 से अधिक जिले हैं और वे बिना किसी प्रतिरोध के तालिबान के पास चले गए. उन्होंने कहा,

मुझे लगता है कि गनी का तालिबान के साथ पूर्व समझौता था. उसके सिर में विश्वासघात की योजना पहले से ही थी, उसने अपने समर्थकों को छोड़ दिया और अफगानिस्तान के लोगों को धोखा दिया.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि कोई भी सरकार अपने देश के आतंकवादियों के साथ अफगानिस्तान में रहने और तालिबान के संरक्षण में काम करने जा रही है. अफगानिस्तान ऐसा देश नहीं होना चाहिए जो पड़ोसी देशों के लिए खतरा हो.

अगबर ने दावा किया, "और क्या है, अगर तालिबान पड़ोसी देशों के आतंकवादी समूहों को पनाहगाह प्रदान करता है, तो हम किस तरह की सीमा सुरक्षा के बारे में बात कर सकते हैं? इस समय तालिबान के बीच कई विदेशी आतंकवादी हैं.

मीडिया आउटलेट्स ने काबुल में रूसी दूतावास में राजनयिकों का हवाला देते हुए बताया कि अशरफ गनी अपने साथ करोड़ों डॉलर ले गए थे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 19 Aug 2021,08:01 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT