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गृह मंत्रालय (MHA) ने कहा है कि कोई भी विदेशी पत्रकार, जो पहले से भारत में मौजूद हो या ना हो, विदेश मंत्रालय की अनुमति से असम जा सकता है. MHA ने बताया, ऐसी अनुमति देने से पहले विदेश मंत्रालय आंतरिक तौर पर MHA की सलाह लेता है.
मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण उन खबरों के बाद दिया है, जिनमें कहा गया था कि NRC की आखिरी लिस्ट जारी होने के बाद असम में काम कर रहे विदेशी पत्रकारों को वहां से जाने के लिए कहा गया है.
बता दें कि 31 अगस्त को पब्लिश हुई असम NRC की आखिरी लिस्ट में 19 लाख से ज्यादा लोगों के नाम नहीं हैं.
गृह मंत्रालय ने कहा है- ''यह सूचना कि असम में काम कर रहे सभी विदेशी पत्रकारों को राज्य छोड़ने के लिए कहा गया है, भ्रामक है. ना तो गृह मंत्रालय ने और ना ही विदेश मंत्रालय ने ऐसी कोई सूचना दी है. इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने कहा है- ''कोई भी विदेशी पत्रकार, जो पहले से भारत में मौजूद हो या ना हो, विदेश मंत्रालय की अनुमति से असम जा सकता है. ऐसी अनुमति देने से पहले विदेश मंत्रालय आंतरिक तौर पर गृह मंत्रालय की सलाह लेता है.''
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिंया ने NRC की आखिरी लिस्ट में कमियां बताते हुए कहा, ''माता-पिता को शामिल किया गया है, बेटियों को नहीं. बहनों को शामिल किया गया है, भाइयों को नहीं. (कई) पूर्व सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को भी शामिल नहीं किया गया है.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''मैं सरकार से अपील करता हूं कि देश का कोई भी वास्तविक नागरिक नागरिकता से वंचित ना हो.''
विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि NRC से बाहर रहे लोग ‘‘राष्ट्र विहीन’’ नहीं हैं और वे कानून के तहत मौजूद सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर लेने तक अपने अधिकारों का पहले की तरह ही उपयोग करते रहेंगे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, एनआरसी का उद्देश्य भारत सरकार, असम राज्य सरकार, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और ऑल असम गण संग्राम परिषद (AAGSP) के बीच हुए 1985 असम समझौते को प्रभावी करना है.
पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बांग्लादेशी मुस्लिमों को बाहर निकालने के लिए राज्य में एनआरसी लागू करने की शनिवार को मांग की.
दिलीप घोष ने कोलकाता में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि असम की तरह बंगाल में भी एनआरसी लागू होनी चाहिए. अगर टीएमसी सरकार कोई कठिन फैसला लेना नहीं चाहती तो हम इसे लागू करेंगे और 2021 में सत्ता में आने के बाद राज्य से बांग्लादेशी मुस्लिमों को बाहर निकाल देंगे.’’
असम सरकार में मंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने एक बार फिर कहा है कि वो सुप्रीम कोर्ट के सामने इस मामले को उठाएंगे कि सीमावर्ती जिलों में 20 फीसदी और बाकी जिलों में 10 फीसदी री-वेरिफिकेशन होना चाहिए.
सरमा ने दावा किया कि डेटा में जोड़-तोड़ किया गया है और उनके पास सबूत हैं. इसके साथ ही सरमा ने कहा- “वो मौका आएगा जब केंद्र सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(NPR)/राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर तैयार करेगी. असम को उस प्रक्रिया का हिस्सा होना चाहिए, ताकि जो लक्ष्य इस प्रक्रिया में नहीं पाया जा सका, उसे अगली प्रक्रिया में हासिल किया जा सके.”
स्क्रॉल की रिपोर्ट के मुताबिक असम के ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) विधायक अनंत कुमार मालो और एआईयूडीएफ के ही पूर्व विधायक अताउर रहमान मझरभुयन का नाम भी इस लिस्ट में शामिल नहीं है.
इनके अलावा कांग्रेस के विधायक इलियास अली की बेटी का नाम भी इस लिस्ट से बाहर कर दिया गया है.
बीजेपी के महासचिव राम माधव NRC लिस्ट तैयार करने वाली टीम को बधाई दी है और कहा है कि असम सरकार कानून व्यवस्था के लिए कदम उठा रही है. माधव ने ट्वीट कर कहा- "राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर NRC आखिरकार जारी हो ही गया. अधिकारियों की टीम को बधाई. 19 लाख लोगों को शामिल नहीं किए जाने जैसी डिटेल्स अभी आनी बाकी हैं. सोनोवाल सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठा रही है"
पश्चिम बंगाल से कांग्रेस के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि केंद्र सरकार को संसद में NRC करवाना चाहिए. शनिवार 31 अगस्त को चौधरी ने कहा कि ये सरकार असम के मामले को सही से संभालने में नाकाम रही है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा- “ये जहां चाहते वहीं इनको NRC करवा लेना चाहिए. ये असम में NRC को संभालने में नाकाम रहे. वो दूसरे राज्यों में भी जा सकते हैं. उन्हें तो संसद में भी NRC करवाना चाहिए. मैं भी बाहरी हूं. मेरे पिता बांग्लादेश में रहते थे.”
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने इस सूची से खुश नहीं हैं और फाइनल लिस्ट में सामने आए अयोग्य लोगों की संख्या से सहमत नहीं हैं. आसू ने कहा है कि वो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.
सेना के पूर्व अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह का नाम NRC की आखिरी लिस्ट में नहीं है. उन्होंने कहा, ''मुझे भरोसा है कि जब हाई कोर्ट से मुझे न्याय मिलेगा, तो मेरा नाम NRC में आ जाएगा. सनाउल्लाह ने कहा है कि ऐसे मामले, जिनमें परिवार के किसी सदस्य का नाम NRC में आया हो और किसी सदस्य का नाम नहीं आया हो, उनकी समीक्षा की जानी चाहिए.''
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''बीजेपी को हिंदू और मुस्लिम के आधार पर देश में NRC की बात बंद करनी चाहिए. असम में जो हुआ उससे बीजेपी को सीख लेनी चाहिए. तथाकथित अवैध आव्रजकों का मिथक फट चुका है. मुझे शक है कि बीजेपी सिटिजन अमेंडमेंट बिल ला सकती है, जिसके जरिए वो सभी गैर-मुस्लिमों को नागरिकता देने की कोशिश कर सकती है, जो समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा.''
बीजेपी नेता हिमंता बिस्व सरमा ने ट्वीट कर कहा, ''कई ऐसे भारतीय नागरिकों के नाम NRC में शामिल नहीं किए गए हैं, जो 1971 से पहले बांग्लादेश से शरणार्थी के तौर पर भारत आए थे. अथॉरिटीज ने इन लोगों के रिफ्यूजी सर्टिफिकेट स्वीकार करने से इनकार कर दिया. मैं केंद्र और राज्य सरकारों के अनुरोध को दोहराते हुए मांग करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट सही NRC के लिए सीमाई जिलों में कम से कम 20 फीसदी री-वेरिफिकेशन और बाकी जिलों में 10 फीसदी री-वेरिफिकेशन की अनुमति दे.''
असम कांग्रेस के सांसद अब्दुल खलीक ने NRC की फाइनल लिस्ट पर कहा, ''मैं NRC स्टेट कोओर्डिनेटर और सुप्रीम कोर्ट को फाइनल लिस्ट पब्लिश होने की बधाई देता हूं. हालांकि, मैं इससे पूरी तरह सहमत नहीं हूं क्योंकि कई भारतीय नागरिकों के नाम इससे छूट गए हैं. मैं सरकार से अपील करता हूं कि वो फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के गठन की समीक्षा करे.''
दिल्ली बीजेपी के चीफ मनोज तिवारी ने कहा, ''दिल्ली में भी NRC की जरूरत है क्योंकि परिस्थिति खतरनाक होती जा रही है. यहां रहने वाले अवैध माइग्रेंट सबसे बड़ा खतरा हैं. हम यहां भी NRC लागू करेंगे.'
दिल्ली: असम NRC की फाइनल लिस्ट के मुद्दे पर कांग्रेस जल्द ही 10 जनपथ रोड पर बैठक करेगी.
NRC स्टेट कोओर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया, ''NRC की फाइनल लिस्ट में शामिल करने के लिए 3,11,21,004 लोगों को एलिजिबल पाया गया. इसमें आवेदन ना करने वालों सहित 19,06,657 लोगों के नाम नहीं हैं. जो लोग इस नतीजे से सहमत नहीं हैं, वो फॉरनर्स ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं. ''
जिन लोगों का नाम NRC की आखिरी लिस्ट में नहीं आता, उन्हें फॉरनर्स ट्रिब्यूनल में अपील करने के लिए 120 दिनों यानी (दिसंबर 2019 के आखिर तक) का वक्त मिलेगा.
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) की आखिरी लिस्ट आज पब्लिश होगी. यह लिस्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई समयसीमा पर पब्लिश होने जा रही है.
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