Home News India 2019 के लिए संदेश ‘न हिंदू न मुसलमान’, बस ‘किसान और नौजवान’
2019 के लिए संदेश ‘न हिंदू न मुसलमान’, बस ‘किसान और नौजवान’
इन रुझानों और इसके बाद आने वाले नतीजों का असर क्या होगा? जानने के लिए क्विंट का का ये सबसे सटीक एनालिसिस देखिए
क्विंट हिंदी
भारत
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BJP या कांग्रेस? कौन बनेगा किंग? क्विंट पर सटीक एनालिसिस
(फोटो: कनिष्क दांगी\क्विंट हिंदी)
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पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए वोटों की गिनती जारी है. शुरुआती रुझानों में कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बड़ी बढ़त बनाए हुए है. वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला बना हुआ है. ऐसे में इन रुझानों और इसके बाद आने वाले नतीजों का असर 2019 पर क्या होगा?राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव कहते हैं कि नतीजों से ये साफ हो गया है कि सही मुद्दों को जनता के सामने लाया जाए. हिंदू-मुसलमान के मुद्दे पर चुनाव हुए तो देश ही हारेगा, किसान-मजदूर के नाम पर हुए तो देश को फायदा होगा.
राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने क्या कहा-
राजस्थान में पीएम मोदी एक फैक्टर हैं, ये तय है
राजस्थान में बीजेपी की चुनाव मशीनरी अभी भी पूरी तरह काम कर रही है
मंदिर मुद्दा नहीं चला है ये भी तय हो गया है
बीजेपी ने दूसरी पार्टियों के मुकाबले 25 गुना तक ज्यादा खर्च किया है
नतीजों के बाद दूसरी पार्टियों के पास भी चंदा आना शुरू हो जाएगा
आगे से लोकसभा चुनाव तक मीडिया का नजरिया भी बदल जाएगा
2019 का चुनाव अंकों का चुनाव नहीं है, लोगों के सामने एजेंडा रखना होगा
विपक्ष के लिए सबक है कि नई नीतियां और एजेंडा सामने रखना होगा
मध्यप्रदेश में शिवराज चौहान के खिलाफ किसानों का गुस्सा निकला है
मीडिया के लिए सबसे बड़ा सबक है ये चुनाव, 2019 लेवल प्लेइंग फील्ड बन जाएगा
मध्यप्रदेश और राजस्थान में लोगों में असंतोष बहुत ज्यादा था लेकिन कांग्रेस उसे भुना नहीं पाई
लोगों को अपनी नाराजगी बता रहे हैं लेकिन विपक्ष उसको भुना नहीं पा रही है
आज के परिणाम के हिसाब से 65 सीटों में 30 सीटें भी बीजेपी की आती नहीं दिख रही हैं
हिंदी इलाके में 226 में बीजेपी की 192 सीटें हैं और अगर एसपी और बीएसपी का गठबंधन हो गया तो 2019 में बीजेपी 180 सीटों तक आ जाएगी
विधानसभा के नतीजों से स्पष्ट है कि जनता मुद्दों पर कायम है, लेकिन मोदी सरकार उसे स्पिन देने की कोशिश करेगी
सही मुद्दों को जनता के सामने लाया जाए. हिंदू-मुसलमान के मुद्दे पर चुनाव हुए तो देश हारेगा, किसान-मजदूर के नाम पर हुए तो देश को फायदा होगा. ऐसे में अब चुनाव का नारा होना चाहिए -हिंदू ना मुसलमान बस किसान नौजवान
नेता महत्वपूर्ण है लेकिन चेहरे से बड़ा है सपना, एजेंडा. सिर्फ गठबंधन से काम नहीं चलेगा
आज के नतीजों से साफ है कि अहंकार टूटा है
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राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने क्या कहा-
2019 के लिए तस्वीर अभी भी पीएम मोदी के खिलाफ नहीं हैं
मध्यप्रदेश और राजस्थान में बीजेपी की अच्छी रिकवरी हुई है
कांग्रेस को राजस्थान और मध्यप्रदेश में अच्छे मार्जिन से जीतना चाहिए था
आप क्या करेंगे ये सबसे बड़ा मुद्दा होगा, सिर्फ गठबंधन अकेले से बात नहीं बनेगी
विपक्ष के पास नेता इतने ज्यादा हैं कि कोई भी एजेंडा बनाने में दिक्कत होगी
मीडिया को भी अपने अंदर झांकना होगा
बीजेपी 2019 में 180 भी हो सकती है और 280 सीटें भी आ सकती हैं
विपक्ष का नेता होना बहुत जरूरी है, वरना मोदी के सामने टिकना बहुत मुश्किल है
एसपी और बीएसपी के गठबंधन में अभी भी बहुत देरी है
क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने क्या कहा-
जनता संदेश दे रही है कि हमारे मुद्दे हल कीजिए यही अहम है
बीजेपी अपने ध्रुवीकरण वाले मुद्दे से नहीं हटेगी ये तय
क्या-क्या घटनाएं होंगी ये कहना बहुत मुश्किल है, लेकिन बीजेपी के रुख में बदलाव नहीं होगा
लोगों में गुस्सा है, बीजेपी का वोट शेयर कम हो रहा है लेकिन वो नतीजों में नहीं दिखता
किसान सबसे बड़ा एजेंडा बन गया है चुनाव नतीजों से साफ लगता है
विपक्ष का कोई एक सर्वमान्य नेता नहीं हो सकता
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