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Atal Setu: 2 घंटे का सफर 30 मिनट में.. PM ने भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल का उद्घाटन किया

Mumbai Trans Harbour Link का उद्घाटन 12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया

साक्षत चंडोक
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Atal Setu Explained&nbsp;</p></div>
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Atal Setu Explained 

(फोटो- स्क्रीनशॉट)

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पीएम मोदी ने अटल सेतु (Atal Setu) या मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) का शुक्रवार, 12 जनवरी को उद्घाटन किया. अटल सेतु समुद्र पर बना भारत का सबसे लंबा पुल है.

अधिकारियों के अनुसार, मुंबई (Mumbai) में सेवरी को नवी मुंबई में चिरले से जोड़ने वाला यह पुल हर दिन लगभग 70,000 वाहनों का बोझ उठाने वाला है.

चलिए आपको बताते हैं - मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक क्या है? इससे मुंबई और उसके आसपास के इलाकों के बुनियादी ढांचे और यातायात प्रबंधन को कितना फायदा मिलता है?

मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक क्या है?

मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक 21.8 किमी लंबा एक पुल है जो मुंबई और नवी मुंबई को जोड़ेगा. उद्घाटन के बाद यह पुल समुद्र के ऊपर बना देश का सबसे लंबा और दुनिया का 12वां सबसे लंबा पुल बन जाएगा.

यह पुल 16.5 किमी समुद्र के ऊपर बना है और 5.5 किमी जमीन के ऊपर. ये पुल छह लेन का है यानी दोनों तरफ तीन लेन होंगे.

इस पुल का उद्घाटन पिछले साल 25 दिसंबर को किया जाना था लेकिन विद्युतीकरण, खंभों और टोल बूथों के निर्माण सहित कई तैयारियों में देरी ने इसके उद्घाटन की तारीख को जनवरी तक खींच दिया.

एमटीएचएल के निर्माण का विचार 1960 के दशक की शुरुआत में आया था, जब इसे मुंबई और उरण के बीच नवी मुंबई में बनाने का प्रस्ताव था. हालांकि, कई असफलताओं के कारण निर्माण योजनाएं सफल नहीं हो सकीं.

2017 में, महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) को पुल के निर्माण का काम सौंपा. इसके बाद जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी से लगभग 18,000 करोड़ रुपये के आधिकारिक विकास कर्ज की सहायता से इस परियोजना को आगे बढ़ाया गया.

एमएमआरडीए के मुताबिक पुल की अनुमानित लागत करीब 17,843 करोड़ रुपये है.

अटल सेतु से कौन से क्षेत्र जुड़ेंगे?

दक्षिण मुंबई के सेवरी से शुरू होकर यह पुल ठाणे क्रीक से होकर गुजरेगा और न्हावा शेवा के पास चिरले गांव पर समाप्त होगा.

यह पुल कई प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ेगा, जैसे निर्माणाधीन नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा हाईवे.

अच्छी कनेक्टिविटी और ट्रैफिक की समस्या को सुलझाने के लिए इस पुल का निर्माण किया गया है, क्योंकि कुछ जगहों से ये पुल इंटरचेंज भी होगा.

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मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक 'गेम-चेंजर' क्यों है?

एमटीएचएल से मुख्य रूप से दो महत्वपूर्ण फायदा होंगे: एक ओर मुंबई और पुणे के बीच का फासला काफी कम होगा और दूसरी ओर मुंबई और निर्माणाधीन नवी मुंबई हवाई अड्डे के बीच का रास्ता भी कम हो जाएगा.

अनुमान है कि इस पुल से मुंबई और नवी मुंबई के बीच यात्रा का समय मौजूदा दो घंटे से घटकर लगभग 20-30 मिनट हो जाएगा.

इस परियोजना से मुंबई में एंट्री पॉइंट पर ट्रैफिक कम होने की भी संभावना जताई गई है.

इसके अलावा, नवी मुंबई में नया हवाई अड्डा पूरा होने के करीब है, यह पुल मुंबई से विशेष रूप से पीक आवर्स के दौरान अच्छी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा. एमटीएचएल मध्य और दक्षिण मुंबई से पनवेल तक पहुंचना भी आसान बना देगा.

इसके अलावा, यह अनुमान लगाया गया है कि पुल के उपयोग से हर साल एक करोड़ लीटर ईंधन की बचत होगी और CO2 उत्सर्जन में 25,000 मिलियन टन से अधिक की कमी आएगी.

पुल पर टोल का कितना खर्च आएगा?

एक तरफ की यात्रा के लिए टोल 250 रुपये प्रति कार तय किया गया है. वापसी में टोल का डेढ़ गुना 370 रुपये लगेगा. कार के लिए दैनिक पास लेने पर 625 रुपये और मासिक पास की कीमत 12,500 रुपये होगी.

इन कीमतों से पता चलता है कि ये पुल मुंबई में सबसे महंगा टोल रोड वाला पुल भी है. इसकी तुलना में, बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर एक तरफ की यात्रा के लिए 85 रुपये और वापसी यात्रा के लिए 127 रुपये का टोल लगता है.

(इनपुट: द टाइम्स ऑफ इंडिया और बिजनेस स्टैंडर्ड)

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