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सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दक्षिणी राज्यों की चार जानी-मानी हस्तियों को राज्यसभा के लिए नामित किया है. संगीतकार इलैयाराजा, स्पोर्ट्स आइकन पीटी उषा (PT Usha), लेखक वी विजयेंद्र प्रसाद और आध्यात्मिक नेता वीरेंद्र हेगड़े को राज्यसभा भेजा जा रहा है.
दक्षिणी राज्यों से आने वाले इन चार हस्तियों को राज्यसभा भेजना बीजेपी के दक्षिण भारत में एंट्री की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, जहां अबतक बीजेपी पकड़ नहीं बना सकी है.
पीटी उषा के राज्यसभा जाने को लेकर पीएम ने ट्वीट किया और कहा,
बता दें कि इलैयाराजा तमिलनाडु से और उषा केरल से हैं, प्रसाद तेलंगाना से और हेगड़े कर्नाटक से हैं.
जिस दिन बीजेपी के मुख्तार अब्बास नकवी और जेडी (यू) के आरसीपी सिंह की राज्यसभा की अवधि समाप्त हुई और दोनों ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया उसी दिन चारों का नामांकन हुआ.
पीएम मोदी ने इलैयाराजा के बारे में ट्विटर पर लिखा, "उन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को मंत्रमुग्ध किया है. उनकी रचनाएं अनेक भावनाओं को खूबसूरती से दर्शाती हैं. वह एक विनम्र पृष्ठभूमि से उठे और बहुत कुछ हासिल किया. खुशी है कि उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है.
वहीं राज्यसभा के लिए नामित किए गए वी. विजयेंद्र प्रसाद तेलुगु सिनेमा के प्रमुख पटकथा लेखकों में से एक हैं. लोकप्रिय फिल्म निर्माता एसएस राजामौली के पिता, उन्होंने तमिल, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी काम किया है, और तमिल में 'मर्सल', हिंदी में 'बजरंगी भाईजान' और 'बाहुबली' श्रृंखला और 'आरआरआर' तेलुगु जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के पीछे इनका नाम रहा है.
चार अलग-अलग दक्षिण राज्यों की जानी-मानी हस्तियों को नामित करने के इस कदम को बीजेपी के दक्षिण भारत में पैर जमाने के कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. कर्नाटक और पुडुचेरी (जो एक केंद्र शासित प्रदेश है) के अलावा बीजेपी केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश या तेलंगाना में सत्ता में आने में सफल नहीं रही है. ऐसे में इस घोषणा के पीछे राजनीतिक मकसद भी समझा जा सकता है.
यह घोषणा ऐसे वक्त में हुआ जब हाल ही में हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी. बता दें कि तेलंगाना में अगले साल चुनाव होने हैं.
फिलहाल राज्यसभा में मनोनीत सदस्यों के सात पद रिक्त थे. सरकार आने वाले दिनों में रिक्त पदों को भर सकती है. राज्य सभा के 245 सदस्यों में से 12 को राष्ट्रपति द्वारा सरकार की सिफारिश पर मनोनीत किया जाता है.
इन्हें संविधान के आर्टिकल 80(3) के तहत नामित किया जाता है, जिसके अनुसार साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे मामलों में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव होना चाहिए.
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