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2017 का अगस्त महीना लंबे समय तक याद रखा जाएगा. इन यादों में कौंध उठेगी गोरखपुर में 'सो' चुके बच्चों की तस्वीरें. ट्रेन के बेपटरी डिब्बों के नीचे दबी लाशें और बाढ़ में बहते सपने. रही सही कसर मुंबई की बदहाली पूरी कर देगी.
ऐसे में जानते हैं इस महीने की हर लापरवाही, आपदा और हादसों के बारे में:
महीने की शुरुआत बिहार में बहती जिंदगियों से हुई. ऐसा नहीं है कि ये बाढ़ इसी साल या इसी महीने आई है. साल दर साल बिहार में ऐसी बाढ़ आती है. जानें जाती हैं और फिर कुछ महीनों के बाद हम इसे भूल जाते हैं. फिलहाल, 30 अगस्त तक बिहार में बाढ़ से 514 लोगों की मौत हो चुकी है.
बाढ़ के कुछ आंकड़े इस तरह हैं:
प्राकृतिक आपदा का ताजा शिकार है मुंबई. जहां 28 अगस्त की रात से हुई बारिश से जिंदगी बेहाल है. वहीं 31 अगस्त को भारी बारिश के बीच दक्षिण मुंबई के भिंडी बाजार की तीन मंजिला इमारत गिरने से 12 लोगों की मौत हो गई.
इसी महीने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में जमीन धंसने का हादसा भी सामने आया. सड़क का 150 मीटर से ज्यादा हिस्सा धंस गया. कई घर, दो बसें और कुछ दूसरे वाहन मलबे में दफन हो गए. कुल 46 लोगों की मौत की जानकारी रिपोर्ट की गई.
इस महीने पहले उत्कल एक्सप्रेस, फिर कैफियात एक्सप्रेस, उसके बाद दो और हादसे, देश में शायद ही पहले ऐसा कभी हुआ हो कि एक महीने में 4 ट्रेनें पटरी से उतर गई हों.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज (BRD) भी इस महीने की सुर्खियों में रहा है. 7 अगस्त से 11 अगस्त के बीच इस अस्पताल में 60 बच्चों की मौत हुई. कहा गया कि इनमें से कई मौतों का कारण ऑक्सीजन की कमी थी तो कई मौतें इंसेफेलाइटिस की वजह से हुईं. कार्रवाई के नाम पर जांच जारी है, वहीं BRD मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का इस्तीफा ले लिया गया.
जरा अगस्त के इन आंकड़ों पर नजर डालिए:
इसी हादसे पर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री का बयान आया था कि ''अगस्त में मौतें होती हैं''. लेकिन हम ये उम्मीद करते हैं कि देश को ऐसा अगस्त फिर कभी देखने को न मिले.
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