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अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रख दी गई है, यानी अब मंदिर निर्माण का कार्य जल्द शुरू होगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त को मेगा इवेंट में राम मंदिर का शिलान्यास किया. इस मौके पर लोगों ने किसी बड़े त्योहार जैसा उत्सव मनाया. अब राम भक्तों को मंदिर बनने का इंतजार है. मंदिर बनने को लेकर कई सवाल लोगों के मन में हैं, जैसे- मंदिर कब तक बनकर तैयार हो जाएगा? मंदिर बनने में कुल कितने रुपये खर्च होंगे? और किन लोगों पर राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी है. मंदिर निर्माण से जुड़े ऐसे ही सभी सवालों के जवाब हम आपको दे रहे हैं.
राम मंदिर के डिजाइन को लेकर कई बार विचार किया गया है. पहले मंदिर को थोड़ा छोटा बनाने का विचार था, और इसके तीन गुंबद बनाने की बात कही गई थी. लेकिन अब इसमें कई बदलाव किए गए हैं. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के मुताबिक, "राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा और इसमें तीन की बजाय अब पांच गुंबद बनाए जाएंगे.
राम मंदिर का मॉडल विश्व हिंदू परिषद का ही रहेगा, लेकिन उसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ जाएगी. इसका नया मॉडल भी सामने आया है. राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से इसके प्रस्तावित मॉडल की तस्वीरें शेयर की गईं. राम मंदिर का निर्माण कुल 70 एकड़ जमीन पर किया जाएगा. प्रस्तावित मंदिर की लंबाई 268.5 फीट है, लेकिन कहा जा रहा है कि इसे 280 फीट तक किया जा सकता है. वहीं इसकी चौड़ाई 140 फीट तय की गई है. मंदिर निर्माण के लिए करीब 60 फीसदी पत्थर तैयार हैं.
अब राम मंदिर का डिजाइन इतना भव्य है तो उसकी लागत का जिक्र होना भी लाजमी है. मंदिर की लागत को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी कई दावे हैं.
राम मंदिर निर्माण का काम एक ऐसे परिवार के हाथों में दिया गया है, जिसने अब तक कई विशालकाय मंदिर खड़े किए हैं. इस परिवारा का नाम है सोमपुरा परिवार, जिसे मंदिरों के इतिहास के लिए ही जाना जाता है.
इस परिवार ने भारत समेत कई अन्य देशों में करीब 200 शानदार मंदिर बनाए हैं. कई शहरों में स्थित बिरला मंदिरों को भी इसी परिवार ने डिजाइन किया है. अब चंद्रकांत सोमपुरा तो उम्र के चलते खुद अयोध्या नहीं जा सकते हैं, लेकिन उनके बेटे आशीष अयोध्या में हैं और मंदिर निर्माण की तैयारियों में जुटे हैं. मंदिर निर्माण के लिए लारसन एंड टोब्रो (L&T) कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है. जो आशीष सोमपुरा की देखरेख में मंदिर निर्माण का काम करेगी.
राम मंदिर निर्माण को लेकर सभी बातें तो आपको पता चल गईं, लेकिन इस पूरे काम की जिम्मेदारी किसे दी गई है, ये भी जानना जरूरी है. शिलान्यास से लेकर मंदिर निर्माण पूरा होने तक की जिम्मेदारी 15 लोगों को दी गई है. ये सभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य हैं.
इनमें- महंत नृत्य गोपाल दास (ट्रस्ट के अध्यक्ष), स्वामी देव गिरि (कोषाध्यक्ष), चंपत राय (महासचिव), के परासरन (सुप्रीम कोर्ट के वकील), नृपेंद्र मिश्रा (पीएम के पूर्व प्रधान सचिव), बिमलेंद्र प्रताप मिश्रा (शाही परिवार के वंशज), डॉ अनिल मिश्र (होम्योपैथी के डॉक्टर), कामेश्वर चौपाल (इकलौते दलित सदस्य), महंत दिनेंद्र दास (निर्मोही अखाड़ा प्रमुख), स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती (प्रयागराज के संत), स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ (पेजावर मठ के पीठाधीश्वर) और स्वामी परमानंद (अखंड आश्रम प्रमुख) इन 12 लोगों के अलावा यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी IAS ग्यानेश कुमार और अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा भी ट्रस्ट के सदस्य हैं.
राम मंदिर का भूमि पूजन और आधारशिला रख दी गई है. जिसके बाद अब कुछ ही दिनों में जन्मभूमि पर काम शुरू हो जाएगा. मंदिर निर्माण में जुटे आर्किटेक्ट्स का मानना है कि मंदिर बनने में करीब 3 से लेकर साढ़े तीन साल का समय लग सकता है. हालांकि ये फिलहाल एक अनुमान है. काम शुरू होने के बाद ये वक्त कुछ और महीने बढ़ भी सकता है.
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