Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई, अगली तारीख 14 मार्च

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई, अगली तारीख 14 मार्च

सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा- अब नहीं टलेगी अयोध्या मामले की सुनवाई

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं.
i
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं.
(फोटोः PTI)

advertisement

अयोध्या के राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक बार फिर टल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से दो हफ्तों में दस्तावेज तैयार करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 14 मार्च तय की है.

इससे पहले 5 दिसंबर में को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट 8 फरवरी की तारीख तय की थी. इस दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने साफ कर दिया था कि अब इस मामले में सुनवाई और नहीं टाली जाएगी. लेकिन दस्तावेजों को लेकर सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर सुनवाई फिर टालनी पड़ी है. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से कहा है कि 7 मार्च तक सभी दस्तावेज तैयार कर लिए जाएं.

पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने क्या दलील दी?

  • सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने की सुनवाई को 2019 तक टालने की अपील
  • सिब्बल ने कहा, मामले से प्रभावित हो सकते हैं 2019 के आम चुनाव
  • सिब्बल की दलील, एनडीए के एजेंडे में है राम मंदिर मुद्दा
  • सिब्बल ने पांच जजों की बेंच से सुनवाई की मांग की, कहा- अभी बहस पूरी नहीं हुई है, रिकॉर्ड में दस्तावेज भी पूरे नहीं हैं
  • मुस्लिमों के वकील राजीव धवन ने कहा, रोज सुनवाई हुई तो एक साल में पूरी हो पाएगी सुनवाई
  • राजीव धवन और कपिल सिब्बल ने दी बहिष्कार की धमकी
  • मुस्लिम पक्षकारों और वकील कपिल सिब्बल ने किया सुनवाई का विरोध
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

5 दिसंबर को क्यों टली थी सुनवाई?

अयोध्या विवाद की पिछली सुनवाई 5 दिसंबर को हुई थी. इस दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में दलील दी थी कि मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों का अनुवाद अब तक नहीं हो पाया है. लेकिन अब इस मामले से जुड़े हजारों पन्नों के दस्तावेजों का सात अलग-अलग भाषाओं और लिपियों में अनुवाद कर लिया गया है.

अब ये देखना दिलचस्प होगा कि कोई भी पक्षकार मामले की सुनवाई को टालने के लिए क्या दलील देता है. सुप्रीम कोर्ट में 5 दिसंबर को हुई पिछली सुनवाई के बाद से अब तक उत्तर प्रदेश सरकार ने 53 खंडों में तमाम दस्तावेजों के अनुवाद कर लिए हैं. ये दस्तावेज संस्कृत, फारसी, अरबी, पालि, उर्दू समेत सात भाषाओं या लिपियों में हैं.

तीन जजों की स्पेशल बेंच में हो रही है सुनवाई

इस मामले की सुनवाई के लिए बीते साल 7 अगस्त को स्पेशल बेंच का गठन किया गया था. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली इस विशेष बेंच में जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल हैं.

बता दें कि 21 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने इस मामले को उठाया था. स्वामी ने अयोध्या मामले में जल्दी सुनवाई की मांग की थी. इस पर चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि हम जल्दी सुनवाई कर मामले पर फैसला लेंगे.

ये भी पढ़ें-

अयोध्या विवाद के पीछे की पूरी कहानी जानते हैं आप?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 08 Feb 2018,08:17 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT