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उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) के राम मंदिर में 22 प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे. इसका सीधा लाइव प्रसारण देश और विदेशों में किए जाने की तैयारी की गई है. इस बीच देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखकर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं. इसके अलावा राष्ट्रपति मुर्मू ने श्रीराम के मूल्यों और राम मंदिर के बारे में भी बातें कही हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने पत्र में पीएम मोदी को संबोधित करते हुए लिखा कि अयोध्या धाम में नए मंदिर में प्रभु श्री राम की जन्म-स्थली पर स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आप पूरी तरह से तपश्चर्या कर रहे हैं. इस मौके पर मेरा ध्यान इस अहम तथ्य पर है कि उस पावन परिसर में, आपके द्वारा सम्पन्न की जाने वाली अर्चना से हमारी अद्वितीय सभ्यतागत यात्रा का एक ऐतिहासिक चरण पूरा होगा.
उन्होंने आगे कहा है कि आपकी अयोध्या धाम की यात्रा के इस पावन अवसर पर मैं आपको अपनी हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं.
राष्ट्रपति मुर्मू ने लिखा, "अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन से जुड़े देशव्यापी उत्सवों के वातावरण में, भारत की चिरंतन आत्मा की उन्मुक्त अभिव्यक्ति दिखाई देती है. यह हम सभी का सौभाग्य है कि हम सब अपने राष्ट्र के पुनरुत्थान के एक नए काल-चक्र के शुभारम्भ के साक्षी बन रहे हैं. प्रभु श्री राम द्वारा साहस, करुणा और अटूट कर्तव्यनिष्ठा जैसे जिन सार्वभौमिक मूल्यों की प्रतिष्ठा की गई थी उन्हें इस भव्य मंदिर के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा सकेगा."
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आगे लिखा है, "प्रभु श्री राम हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के सर्वोत्तम आयामों के प्रतीक हैं. वे बुराई के खिलाफ लगातार युद्धरत अच्छाई का आदर्श प्रस्तुत करते हैं. हमारे राष्ट्रीय इतिहास के कई अध्याय, प्रभु श्री राम के जीवन चरित और सिद्धांतों से प्रभावित रहे हैं तथा राम-कथा के आदर्शों से राष्ट्र-निर्माताओं को प्रेरणा मिली है."
उन्होंने आगे लिखा है. "लोगों की सामाजिक पृष्ठभूमि से प्रभावित हुए बिना, भेद-भाव से मुक्त रहकर, हर किसी के साथ, प्रेम और सम्मान का व्यवहार करने के प्रभु श्री राम के आदर्शों का हमारे पथ- प्रदर्शक विचारकों की बौद्धिक चेतना पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है. न्याय और जन-कल्याण पर केन्द्रित प्रभु श्री राम की रीति का प्रभाव, हमारे देश के शासन संबंधी मौजूदा नजरिए पर भी दिखाई देता है. इसका उदाहरण, हाल ही में, आपके द्वारा, अति पिछड़े जन जातीय समुदायों के कल्याण हेतु ‘पीएम- जनमन’ पहल के तहत, अनेक लाभकारी सहायताओं की पहली किस्त जारी करने में स्पष्ट दिखाई दिया."
उन्होंने पत्र के आखिरी हिस्से में कहा कि प्रभु श्री राम, हमारी भारत-भूमि के सर्वोत्तम आयामों का प्रतीक हैं. वे पूरी मानवता के सर्वोत्कृष्ट पक्षों के प्रतीक है. मेरी प्रार्थना है कि प्रभु श्री राम विश्व-समुदाय को सही मार्ग पर ले जाएं, वे सभी के जीवन में सुख और शांति का संचार करें.
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