Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मंदिर वहीं, मस्जिद और कहीं,अयोध्या पर SC का पूरा फैसला यहां देखें

मंदिर वहीं, मस्जिद और कहीं,अयोध्या पर SC का पूरा फैसला यहां देखें

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान बेंच ने सुनाया फैसला 

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
अयोध्या केस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
i
अयोध्या केस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को अपने फैसले से अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है. इस फैसले में कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वो 3 महीने के अंदर योजना बनाए और मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन करे. इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए किसी और जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए.

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली 5 जजों की संविधान बेंच ने यह फैसला सुनाया है. सीजेआई गोगोई के अलावा इस बेंच में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल रहे.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि विवादित स्थल पर मीर बाकी ने मस्जिद बनवाई थी. बता दें कि मीर बाकी को बाबर का कमांडर माना जाता है और कहा जाता है कि उसने 1528 में यह मस्जिद बनवाई थी. इस मस्जिद को बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी, विवादित भूमि के नीचे वाला ढांचा इस्लामिक मूल का नहीं था. 

6 दिसंबर 1992 को कई हिंदू संगठनों के कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था. कोर्ट ने कहा है कि इस मस्जिद को ढहाया जाना गैरकानूनी था. सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने अपने 1045 पेज के फैसले में कहा है कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि देवता रामलला को दी जाए. हालांकि यह भूमि केंद्र सरकार के रिसीवर के पजेशन में ही रहेगी.

संविधान बेंच ने अपने 1045 पेज के फैसले में कहा है,

‘’हिंदू यह साबित करने में सफल रहे हैं कि विवादित ढांचे के बाहरी बरामदे पर उनका कब्जा था. उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड अध्योध्या विवाद में अपना मामला साबित करने में नाकाम रहा है.’’

बेंच ने यह माना है कि विवादित स्थल के बाहरी बरामदे में हिंदू व्यापक रूप से पूजा-अर्चना करते रहे.

कोर्ट के मुताबिक, साक्ष्यों से पता चलता है कि मस्जिद में शुक्रवार को मुस्लिम नमाज पढ़ते थे जो इस बात का सूचक है कि उन्होंने इस स्थान पर कब्जा छोड़ा नहीं था. शीर्ष अदालत ने कहा कि मस्जिद में नमाज पढ़ने में बाधा डाले जाने के बावजूद साक्ष्य इस बात के सूचक है कि वहां नमाज पढ़ना बंद नहीं हुआ था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड एडवर्स पजेशन का दावा नहीं कर सकता. इसका मतलब ये हुआ कि सुन्नी वक्फ बोर्ड यह साबित नहीं कर पाया कि विवादित जगह पर उसका बिना किसी बाधा के लंबे समय तक पजेशन रहा. 

संविधान बेंच ने कहा,

‘’ASI की रिपोर्ट को अनदेखा नहीं किया जा सकता. ASI की रिपोर्ट में संभावना जताई गई थी कि विवादित जगह पर मंदिर जैसा ढांचा था. हालांकि ASI ने यह साफ नहीं किया था कि मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को गिराया गया था. कोर्ट ने कहा कि ASI के साक्ष्यों को महज राय बताना इस संस्था के साथ अन्याय होगा.’’

संविधान बेंच ने कहा कि हिंदू विवादित स्थल को ही भगवान राम का जन्मस्थान मानते हैं. इसके साथ ही उसने कहा- विवादित ढांचे में ही भगवान राम का जन्म होने के बारे में हिंदुओं की आस्था अविवादित है. सीता रसोई, राम चबूतरा और भण्डार गृह की उपस्थिति इस स्थान के धार्मिक तथ्य की गवाह हैं. बेंच ने कहा कि कोर्ट को लोगों की आस्था स्वीकार करनी चाहिए.

हालांकि, कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आस्था और विश्वास के आधार पर मालिकाना हक स्थापित नहीं किया जा सकता, ये विवाद का निपटारा करने में सूचक हो सकते हैं.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ 14 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ की विवादित भूमि को मामले के 3 मुख्य याचिकाकर्ताओं- रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने विवादित भूमि 3 हिस्सों में बांटने का रास्ता अपना कर गलत तरीके से मालिकाना हक के मामले का फैसला किया था.

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला यहां पढ़ें

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 09 Nov 2019,03:11 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT